चंदौली। सदर कोतवाली पुलिस ने फर्जी आख्या लगाकर जेल में बंद शातिर अपराधियों की जमानत कराने वाले गिरोह का राजफाश किया है। कचहरी से दो जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से सदर तहसीलदार व उपनिरीक्षक के नाम की फर्जी आख्या व मुहर बरामद की गई। पुलिस को पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। पूरे रैकेट का पता लगाया जाएगा। अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम ने मंगलवार को पुलिस लाइन सभागार में गिरफ्तारी और बरामदगी के बारे में जानकारी दी।उन्होंने बताया कि एसपी अमित कुमार को शिकायत मिली थी कि फर्जी जमानतदार जाली अभिलेख व आख्या लगाकर शातिर अपराधियों की जमानत करवा रहे हैं। यह खेल काफी दिनों से चल रहा है। एसपी ने सदर कोतवाल अशोक मिश्रा व कस्बा चौकी इंचार्ज मनोज पांडेय के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित कर दी थी। पुलिस ने अपने सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर फर्जी जमानतदारों की सूची बनाई और इसे न्याय विभाग को उपलब्ध कराया था। न्यायालय के साथ ही पुलिस टीम फर्जी जमानतदारों की निगरानी में लग गई। सोमवार को पुलिस को सूचना मिली कि पशु क्रूरता अधिनियम के तहत जेल में बंद जौनपुर जिले के थाना पवारा के नरगहवा निवासी अभियुक्त अली हुसैन की जमानत कराने के लिए फर्जी जमानतदार पहुंचने वाले हैं। इस पर पुलिस अलर्ट हो गई और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में फर्जी अभिलेखों को प्रस्तुत करते वक्त दो जालसाजों को रंगेहाथ पकड़ा। गिरफ्तार आरोपित विनोद कुमार सदर कोतवाली के छितो और भोला फुटिया गांव का रहने वाला है। एएसपी ने बताया कि जिस रमेश सिंह नामक उपनिरीक्षक की आख्या व मुहर का इस्तेमाल जालसाज कर रहे थे, उस नाम का कोई भी एसआइ जिले में वर्तमान में तैनात नहीं रहा। पहले भी कोई नियुक्त नहीं था। सीजेएम कार्यालय के लिपिक दीपू कुमार के प्रार्थना पत्र पर जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छानबीन की जा रही है।