वाराणसी, । बड़ागांव थाना क्षेत्र के भेलखा में गोरक्षा समिति की भूमि में स्थगन आदेश के बाद भी अवैध तरीके से कराए जा रहे निर्माण का विरोध करना लोगों को महंगा पड़ गया। कानूनगो और लेखपाल की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस दो लोगों को हिरासत में लेकर चौकी पर पहुंची। वहीं हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति के पत्नी की इसी दौरान मौत हो गई। मौत के बाद उसके परिजन और गांव वाले आक्रोशित हो गए और वाराणसी-बाबतपुर मार्ग पर जाम लगा दिए। सूचना मिलने के बाद बड़ागांव थाने की पुलिस व एसडीएम पिंडरा, सीओ बड़ागांव के साथ ही भारी संख्या में पुलिसबल मौके पर पहुंची। अधिकारियों के समझाने के बाद भी आक्रोशित ग्रामीण नहीं माने और देर शाम तक धरना प्रदर्शन चलता रहा।जानकारी अनुसार भेलखा गांव निवासी मुन्नू गौड़ द्वारा चोरी-छिपे अपने पुराने घर को तोड़कर उसके पीछे से निर्माण कराया जा रहा था। जबकि गोरक्षा समिति की भूमि होने के चलते उस भूमि पर पूर्व में ही स्थगन आदेश होने के चलते गांव के रहने वाले शिवप्रसाद निडर व शिवपुर निवासी अरविंद सिंह चट्टान ने निर्माण का विरोध किया। उसके बाद मौके पर मौजूद लेखपाल राजेश यादव और कानूनगो लालमणि पहुंचे। राजस्व कर्मियों ने विरोध कर रहे लोगों को मना किया लेकिन वह अड़ गए और धरना प्रदर्शन करने लगे। उसके बाद राजस्व कर्मी हरहुआ पुलिस चौकी पर पहुंचे और बताये की भेलखा में दो व्यक्तियों द्वारा निर्माण कार्य में बाधा डाला जा रहा है। उसके बाद हरहुआ पुलिस चौकी के सिपाही पहुंचे और विरोध कर रहे दोनों लोगों को पुलिस चौकी पर उठा लाए। ग्रामीणों का आरोप है कि इसी दौरान शिवप्रसाद निडर की पत्नी फातिमा देवी (60) की मौत हो गयी। उसके बाद आक्रोशित लोग महिला की लाश लेकर हरहुआ पुलिस चौकी पर पहुंचे और वहां नारेबाजी करने लगे।बाद में वहां से लाश लेकर लोग ब्यास बाग हनुमान मंदिर के पास पहुंचे और वाराणसी बाबतपुर मार्ग पर जाम लगा दिए। हालांकि एक लेन खोलकर आवागमन चालू रखा गया था। लोगों द्वारा पहले मांग किया गया कि तत्काल लेखपाल राजेश यादव और कानूनगो लालमणि को निलंबित किया जाए तथा ग्राम प्रधान संजीव सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया जाय। हरहुआ चौकी के पुलिस के खिलाफ भी लोगों ने कार्रवाई की मांग की। मौके पर मौजूद एसडीएम गिरीश चंद द्विवेदी ने लेखपाल राजेश यादव को तत्काल रुप से निलंबित करने का आदेश दिया तथा अन्य लोगों के खिलाफ जांच कर उचित कार्यवाही करने का भी निर्देश दिया। बावजूद इसके लोगों ने जाम समाप्त नहीं किया, और 3 घंटे से अधिक समय तक हाइवे को जाम किये रखा। देर शाम तक जाम खुलने के संकेत नहीं दिख रहे थे।
