*खबर दृष्टिकोण संवाददाता*
*कुकरा खीरी।* थाना भीरा क्षेत्र के ग्राम मुड़िया हेमसिंह वारिदे, हाल पता रमपुरवा मजरा दरियाबाद निवासी मुस्तफ़ा पुत्र गफूर पर अपनी जीवित पत्नी जैतून उर्फ साबरून की फर्जी हत्या दर्शाकर न्यायालय में झूठा वाद दायर करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मुस्तफ़ा ने 27 जून 2023 को लखीमपुर खीरी के सक्षम न्यायालय में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत वाद दाखिल करते हुए आरोप लगाया था कि उसके भाई बरकत अली अंसारी और उनके पुत्र सलमान व रिज़वान ने उसकी पत्नी की हत्या कर शव गायब कर दिया।
इस पर सीजेएम कोर्ट ने थाना भीरा और थाना मैलानी से रिपोर्ट तलब की। पुलिस रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि कथित हत्या या गुमशुदगी से संबंधित कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं है। इसके बावजूद न्यायालय ने वाद संख्या 323/25 में संज्ञान लेते हुए विपक्षियों को नोटिस जारी किया। हालांकि पुलिस रिकॉर्ड में कोई प्रमाण न मिलने से पूरा मामला संदेह के घेरे में आ गया।
इधर, कथित मृत पत्नी साबरून उर्फ जैतून स्वयं मीडिया और अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होकर बोली — “मैं पूरी तरह जिंदा हूं। मेरे पति ने मुझे अधिकारों से वंचित करने और मेरे भाई-भतीजों को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रची है।” वहीं, भाई बरकत अली ने भी आरोप लगाया कि यह पूरा मामला संपत्ति हड़पने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि गफूर की सात एकड़ भूमि उसके बेटों मुस्तफ़ा और जाहिद अली के नाम दर्ज है।
बरकत अली के अनुसार, जाहिद अली ने संपत्ति पर कब्जा करने के लिए अपने पुत्र तौकीर अली को मुस्तफ़ा का बेटा दिखाते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार कराए। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह सिद्ध हो गया कि मुस्तफ़ा ने झूठे आरोप लगाकर अदालत को गुमराह किया, तो उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 182, 211 सहित अन्य धाराओं में सख्त कार्रवाई हो सकती है।
