कानपुर देहात, । चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर फायरिंग कर विकास दुबे ने अपने गैंग के साथ सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। कुछ समय पूर्व विकास दुबे के पिता के साथ उसकी पत्नी रिचा, विकास के भाई तथा उसके खजांची जय बाजपेई के खिलाफ नया मामला दर्ज किया गया था। चौबेपुर थाना में विकास की पत्नी सहित अन्य के विरुद्ध भी केस दर्ज किया गया था। चौबेपुर में 22 लोगों के खिलाफ फर्जी आइडी पर सिमकार्ड लेने के साथ ही फर्जी शपथ पत्र से शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में केस दर्ज कराया गया था। बता ेदें कि यह केस पहला ऐसा केस था जो विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे पर दर्ज किया गया था।मदारीपुरवा निवासी राम सिंह दिलीपनगर पुरा बुजुर्ग शिवराजपुर के संतराम के नाम पर सिम प्रयोग कर रहा था। हालांकि जब जांच की गई तो यह सिमकार्ड बिकरू गांव के मोनू के पास सिम शशिकांत पांडेय के नाम पर निकला। जांच में यह भी बता सामने आई थी कि विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे निगोहा मऊ निवासी महेश के नाम पर सिम का उपयोग कर रही थी। इसके अलावा शिव उर्फ आशुतोष त्रिपाठी का सिम मलेप हरसेनपुर के मनीष यादव के नाम पर था। वहीं,विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की मां शांति देवी अमरोहिया रसूलाबाद निवासी जयराम के नाम पर सिम का प्रयोग कर रही थी। वर्तमान में बाराबंकी जेल में बंद अमर दुबे की पत्नी का सिम उस समय ईडब्ल्यूएस, पनकी गंगागंज, रतनपुर कालोनी निवासी एक शख्स के नाम पर था। विकास दुबे के नौकर दयाशंकर की पत्नी रेखा का सिम बिकरू की क्षमा देवी के नाम है और कुख्यात के साथी विष्णुपाल उर्फ जिलेदार का सिम रावतपुर के चंद्रपाल यादव के नाम पर है। जांच के बाद यही भी बताया गया कि विकास के भाई दीपक का सिम दयाशंकर के नाम है। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित सुधाकर राय की कोर्ट में चल रही है। मामले में आरोपित रिचा दुबे पर फर्जी तरीके से सिम लेने व प्रयोग करने का आरोप है, जिसमें वह उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत पर थीं। कोर्ट ने लगातार उनके गैर हाजिर होने के कारण समन जारी कर मंगलवार को पेश होने का आदेश दिया था। हालांकि, वह मंगलवार को भी कोर्ट नहीं पहुंची। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष तिवारी ने बताया कि रिचा दुबे की तरफ से हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र आया है।