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पहितियापुर का मीडिल स्कूल बंद करने के खिलाफ ग्रामीणों का तहसील मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन

 

खबर दृष्टिकोण संवाद

 

जौनपुर। उत्तर प्रदेश में 5000 सरकारी स्कूलों को बंद/मर्ज करने के सरकारी आदेश पर “पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहितियापुर” को बंद करने के खिलाफ आक्रोशित ग्रामीणों व अभिभावकों ने “सरकारी स्कूल बचाओ संघर्ष समिति” की ओर शुक्रवार को बदलापुर तहसील मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने महामहिम राज्यपाल, व मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी जौनपुर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व उपजिलाधिकारी बदलापुर को सम्बोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार बृजेंद्र सिंह को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि पहितियापुर मीडिल स्कूल बंद कर किसी दूसरे स्कूल में मर्ज न किया जाए। मांग पत्रक को ईमेल द्वारा शासन को भेजा गया।

         धरना-प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए अभिभावक राधेश्याम यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि, अभिभावकों की मांगों पर ध्यान दिये बगैर जिले का शिक्षा विभाग इतनी जल्दबाजी में क्यूं है। जैसा कि मीडिया में खबर है कि कल 26 जून को ही मीडिल स्कूल को सिंगरामऊ में मर्ज कर दिया गया है। जबकि ग्रामीण 30 जून तक छात्र संख्या बढ़ाने के लिए गाँव में जन सम्पर्क अभियान चला रहे हैं। 

        सुमित्रा देवी ने कहा कि, गाँव के स्कूल बंद होने की स्थिति में गरीब अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई मर्ज किए गए दूर के स्कूल में कैसे जारी रख पायेगा? पहितियापुर गांव के दक्षिण व पूर्व दिशा में पीली नदी व जंगल है। उत्तर-पश्चिम दिशा में हाईवे व रेल लाईन मार्ग है। एक तरफ दुर्गम व कठिन रास्ते और दूसरी तरफ भीड़-भाड़ वाली हाईवे व बाजार से होकर स्कूल तक आवागमन बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है।

       गांव की ही सायरा बानो कहती हैं कि, यदि गांव के स्कूल को अन्यत्र कहीं मर्ज किया जाता है तो उस विद्यालय के बच्चे मर्ज किए गए विद्यालय तक जाने में सक्षम नहीं है। परिणामस्वरूप उनकी पढ़ाई छूट जायेगी और उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। ऐसी विषम परिस्थिति में गांव के गरीब अभिभावक काफी परेशानी में है। 

         अशोक कुमार खरवार ने कहा कि, शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2009, अनुच्छेद 21A के अन्तर्गत 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए शिक्षा के प्रावधान को मौलिक अधिकार बनाता है। अधिनियम में यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रत्येक बच्चे को अपने घर के पास एक स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार हो। लेकिन शिक्षा विभाग इन नियमों पर भी अमल नहीं कर रहा है।

         रवि कुमार दूबे कहते हैं कि, अगर यह स्कूल हमेशा के लिए बंद हो जायेगा तो गांव के गरीब अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य नहीं बचा पायेंगे।

       अरुण मौर्य का मानना है कि, यह स्कूल 7 दशकों से गाँव को शिक्षित कर रहा है, वर्तमान विधायक रमेशचन्द्र मिश्र जी द्वारा गोद भी लिया गया है, फिर भी स्कूल में ताले लगाये जा रहे हैं।

         धरना प्रदर्शन में शामिल पहितियापुर गांव के ग्रामवासी व अभिभावकगण ने सरकार से मांग किया कि- पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहितियापुर को बंद करके किसी दूसरे स्कूल में मर्ज न किया जाए तथा विद्यालय का संचालन सुचारु रूप से जारी रखा जाए। 

          इस अवसर पर मृदुल कुमार दूबे, रामचंद्र मौर्य, सन्तोष कुमार प्रजापति, रामसिंगार दूबे, राकेश खरवार, राजकुमार मौर्य, मु. शमीम, राम अनुज, लहुरी विश्वकर्मा, जलील अहमद, मालती, लालदेई, निशा, मुश्ताक, राहुल गुप्ता, सिद्धार्थ खरवार, विनोद मौर्य, दीपचंद, राजेंद्र तिवारी, मिथिलेश मौर्य, दिलीप कुमार, अनिशुल, नसिरुनिशा सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।

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