खबर दृष्टिकोण संवाद
जौनपुर । जिले में सोमवार को तेज धूप और भीषण गर्मी ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। सुबह से ही लू और उमस ने लोगों का घर से निकलना मुश्किल कर दिया आसमान में हल्के बादलों की आवाजाही जरूर रही, लेकिन गर्मी से कोई राहत नहीं मिली। इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षी भी इस झुलसाने वाली गर्मी से बेहाल नजर आए।
गांव-देहात में चोंच बाये हांफते परिंदे और सूखते जल स्रोतों की तस्वीरें अब आम हो चली हैं। मछलीशहर तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में दिसम्बर से मार्च के बीच गेहूं की फसल चरने वाली नीलगायें अब जून की तपती दोपहरी में कमजोर और बीमार सी दिख रही हैं। हरे चारे की कमी और पानी की अनुपलब्धता के चलते उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ा है — हड्डियां तक उभर आई हैं।
परिंदों की हालत भी कुछ अलग नहीं है। बुलबुल, गौरैया जैसे पक्षी छायादार स्थानों में चुपचाप बैठकर हांफते नजर आ रहे हैं। खेत-खलिहानों में इन दिनों फसल की मड़ाई न होने के कारण बिखरा अनाज नहीं मिल रहा है, जिससे पक्षियों को भोजन की भारी कमी झेलनी पड़ रही है। साथ ही जमीन की नमी घटने से कीड़े-मकोड़े भी बहुत कम हो गए हैं, जो आमतौर पर पक्षियों का प्रमुख आहार होते हैं।
ऐसे कठिन समय में जरूरत है कि लोग अपने घरों और मोहल्लों में परिंदों के लिए पानी के बर्तन और थोड़े बहुत अनाज की व्यवस्था करें। गर्मी से प्यासे और भूखे इन निरीह जीवों के लिए यह एक छोटी सी मानवता भरी पहल बड़ी राहत बन सकती है।
