दुकानों पर किसानो यूरिया खाद लेने पर साथ मे अन्य उत्पाद महगे दामों पर अन्य उत्पाद लेने को मजबूर
*खबर दृष्टिकोण संवाददाता*
*संसारपुर खीरी* कृषि प्रधान इस क्षेत्र में इन दिनों यूरिया खाद की भारी किल्लत ने किसानों की कमर तोड़ दी है। किसान एक ओर समय पर खाद न मिलने से चिंतित हैं, तो दूसरी ओर कस्बा संसारपुर के दुकानदारों की मनमानी ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है।
कस्बे और आस-पास के गांवों में जिन किसानों को दुकानों पर खाद मिल रही है, उन किसानों को यूरिया के साथ अन्य उत्पाद जैसे कीटनाशक, फफूंदनाशक, महंगे टॉनिक आदि लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
दुकानदारों की ‘पैकेज डील’ बन रही किसानों पर बोझ
स्थानीय प्रभात कुमार बताते हैं, “जब हम दुकानदार से सिर्फ यूरिया मांगते हैं, तो वह कहता है कि अकेले यूरिया नहीं मिलेगा, साथ में ये दवाई भी लेनी पड़ेगी। दवाई की कीमत भी मनमानी बताई जाती है, जिससे यूरिया की लागत लगभग दोगुनी हो जाती है।”
एक अन्य किसान कृष्णपाल मिश्रा ने कहा, “सरकार कहती है कि खाद पर सब्सिडी दे रहे हैं, लेकिन हमें तो ब्लैक में ही खरीदना पड़ रहा है। ये सीधे-सीधे शोषण है।”
प्रशासन मौन, किसानों में उबाल
स्थानीय प्रशासन इस गंभीर समस्या पर अब तक मौन है। कोई निगरानी नहीं हो रही और न ही दुकानदारों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही की गई है। खाद वितरण प्रणाली में पारदर्शिता की कमी और अधिकारीयों की उदासीनता ने हालात और खराब कर दिए हैं।
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही खाद की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की गई और दुकानदारों पर लगाम नहीं कसी गई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
कृषि विभाग की चुप्पी पर सवाल
जब इस संबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने स्टॉक की कमी स्वीकार की लेकिन दुकानदारों की मनमानी पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की। यह रवैया किसानों में आक्रोश और असंतोष को और बढ़ा रहा है।
जरूरत है सख्त कार्रवाई की
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए किसानों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से तत्काल सख्त कदम उठाने की मांग की है ताकि खाद की किल्लत दूर हो और दुकानदारों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके।
