(खबर दृष्टिकोण) बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जितना यूपी पुलिस से शालीनता पूर्वक बात करने को कहे लेकिन रामसनेही घाट कोतवाली में तैनात मित्र पुलिस का दावा करने वाले दरोगा एक रिपोर्टर के द्वारा चंद सवाल करने पर इतने आग बबूला हो गए कि अपनी वर्दी की मर्यादा भूल कर अभद्रता पर उतारू हो गए। जैसे रिपोर्टर ने सवाल पूछ कर कोई गुनाह कर दिया हो, या वो कोई अपराधी हो, पीड़ित पत्रकार का आरोप है, मेरे द्वारा सवाल पूछने पर मेरा मोबाइल छीन कर गाली गलौज करने के साथ साथ थाने के अंदर बैठाने की धमकी भी दी। पीड़ित रिपोर्टर ने इसकी शिकायत सीओ रामसनेही घाट से लिखित तौर पर की है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिवदान सिंह दीपांशु जो कि एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के संवाद प्रतिनिधि हैं। शनिवार को एक मामले की कवरेज करने के लिए रामसनेही घाट कोतवाली गये थे। जहां पर बरामदे में कुर्सी पर बैठे दरोगा ललित कुमार से कुछ सवाल किए तो साहब उखड़ गए। वर्दी का रौब दिखाने लगे दरोगा का पारा सातवें आसमान पर जैसे पत्रकार ने कोई भूल कर दी हो। पत्रकार को बुरा भला कहते हुए अभद्रता करने लगे, पीड़ित रिपोर्टर शिवदान सिंह ने बताया कि दरोगा ललित कुमार के अलावा एक दरोगा और आ गये, और बिना वजह अभद्रता करने लगे, रोकने पर बंद करने व बैठाने की धमकी दी। बंद करने का कारण पूछने पर दरोगा ललित कुमार ने वर्दी की गुंडई वाले लहजे में बताते हुए कहा पुलिस जिसको चाहे उसको चौबीस घंटे बैठा सकती है। और रिपोर्टर का मोबाइल छीन लिया गया और विरोध करने पर दोनों दरोगा ने पीड़ित पत्रकार को किसी न किसी गंभीर मामले में फंसाने की धमकी दी है। पीड़ित रिपोर्टर ने एक प्रार्थना पत्र सीओ जटाशंकर सिंह रामसनेहीघाट के कार्यालय जाकर सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की है। अगर यहां कार्यवाही नहीं होती है, तो मंगलवार को पुलिस अधीक्षक बाराबंकी को काफी संख्या में पत्रकार व किसान यूनियन न्याय के लिए प्रस्थान करेंगे। दीपांशु के समर्थन में स्थानीय पत्रकार जर्नलिस्ट तहसील अध्यक्ष मान बहादुर सिंह, दिनेश तिवारी, प्रभाकरण तिवारी, विकास पाठक, श्रेयांश सिंह, सूरज, अरमान, सरदार वीरेंद्र सिंह, रिशु गुप्ता, लल्लन, अवधेश वर्मा, अनिल, आशीष सिंह सहित दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे। दरोगा पर कार्रवाई न होने पर आंदोलन के मूड में आकर्षित कलमकार विभिन्न समाचार पत्रों के स्थानीय संवाद प्रतिनिधियों ने दीपांशु के साथ हुई अभद्रता के चलते आक्रोशित दिखे। रिपोर्टरों का कहना है, कि यदि दोनों दरोगाओं पर कार्यवाही नहीं होती है, तो हम सब मिलकर मंगलवार को पुलिस अधीक्षक बाराबंकी से शिकायत करते हुए आंदोलन करेंगे जो कि आंदोलन आर पार का होगा। पुलिस कर्मियों के पास आखिर बेहिसाब संपत्ति कैसे आती है। एक जुटता दिखाते हुए पत्रकारों ने बताया कि कोतवाली रामसनेहीघाट में तैनात पुलिस कर्मियों, सिपाही, व दरोगाओं की संपत्ति की जांच हेतु उच्च स्तर पर पत्र लिखा जाएगा। किसी भी मुद्दे को उजागर करने वाले पत्रकारों से अभद्रता करने वाले पुलिस कर्मियों के पास आखिर इतनी संपत्ति कैसे है, और पुलिस कर्मियों के मोबाइल नंबरों की सीडीआर निकलवा कर जांच कराए जाने की मांग की जाएगी।
