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बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भेदभाव रहित समाज बनाने वाले वंचित एवं शोषण वर्ग के क्रांतिकारी संघर्ष के महानायक थे

 

(खबर दृष्टिकोण) बाराबंकी- बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान के शिल्पी, देश के करोंड़ों दलित शोषित एवं अन्य उपेक्षित वर्ग के मसीहा थे। आपने सबको समान अधिकार दिलाने, भेदभाव रहित समाज बनाने, वंचित एवं शोषित वर्गों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिये अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर कलम से क्रांति करने वाले महानायक थे। स्कूल में पानी पीने से लेकर नौकरी करने तक भेदभाव का शिकार होने पर भी उन्होंने हर हाथ में कलम देने का सपना नही छोड़ा। उनका स्पष्ट मानना था की जो लोग अपनी स्थिति सुधारना चाहते हैं, उन्हें शिक्षा हासिल करनी चाहिए, संगठन बनाना चाहिए और संघर्ष करना चाहिए। उक्त उद्वगार पूर्व सांसद डा0 पी0एल0 पुनिया ने आज बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी की 134वीं जयन्ती के अवसर पर अपने ओबरी आवास एवं विधानसभा क्षेत्र कुर्सी में आयोजित दर्जनों कार्यक्रमों में बाबा साहब की मूर्ति तथा चित्र पर माल्यार्पण करने के पश्चात व्यक्त किये। इस महान अवसर पर स्थानीय सांसद तनुज पुनिया ने विधानसभा क्षेत्र जैदपुर तथा हैदरगढ़ में बाबा साहब की जयन्ती के अवसर पर शामिल होकर भारतीय संविधान के निर्माता शोषित पीड़ितों की आवाज बाबा साहब के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये तथा उनकी पत्नी श्रीमती श्रद्धा पुनिया ने विधानसभा क्षेत्र बाराबंकी तथा रामनगर में बाबा साहब की जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भागीदारी निभाकर बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये। बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जी की जयन्ती के अवसर पर सांसद तनुज पुनिया ने विधानसभा क्षेत्र जैदपुर तथा हैदरगढ़ में आयोजित दर्जनों कार्यक्रमों में शामिल होकर बाबा साहब की प्रतिमा एवं चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये और बाबा साहब को श्रद्धांजली अर्पित करते हुये अपने संबोधन में कहा कि, बाबा साहब एक महान समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक थे। आजादी के बाद बाबा साहब को संविधान प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया फलस्वरूप बाबा साहब ने देश को विश्व का सबसे अच्छा संविधान दिया जिसमें उन्होंने सामाजिक न्याय, समानता, स्वतन्त्रता एवं बंधुत्व के सिद्धांतों को अपना मूल आधार बनाया। उन्होंने संविधान में दलितों और पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण की व्यवस्था की ताकि उन्हें समान अवसर मिल सके। हम युग के महानायक डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जी की जयन्ती के अवसर पर जिनके क्रियाकलापों में किंचित मात्र का स्वार्थ नही था उनके बताये गये मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। स्थानीय सांसद की धर्म पत्नी श्रीमती श्रद्धा पुनिया ने विधानसभा क्षेत्र बाराबंकी एवं रामनगर में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी की जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में उनकी प्रतिमा एवं चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के पश्चात अपने संबोधन में कहा कि, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर महिलाओं को संवैधानिक अधिकार दिलाने के पक्षधर थे उन्होनें कहा था कि, नारी राष्ट्र की निर्मात्री है, हर नागरिक उसकी गोद में पलकर बढ़ता है नारी को जागृत किये बिना राष्ट्र का विकास संभव नही है। उनका मानना था कि, एक समाज की प्रगति का मापदण्ड उसकी महिलाओं की स्थिति से तय होता है। उनका स्पष्ट रूप से मानना था कि, मनुष्य अपने कर्मों से महान होता है जन्म से नही। इसलिये शिक्षा लेकर अपने कर्मों को महान बनाओं। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती के अवसर पर पूर्व सांसद डॉ0 पी0एल0 पुनिया, स्थानीय सांसद तनुज पुनिया तथा उनकी धर्म पत्नी श्रीमती श्रद्धा पुनिया के साथ, बाबा साहब की जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में मुख्य रूप से कांग्रेस अध्यक्ष मोहम्मद मोहसिन, नगर अध्यक्ष राजेन्द्र वर्मा फोटो वाला, अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष विजय पाल गौतम, राम हरख रावत, अजय रावत, के0सी0 श्रीवास्त, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष तथा दर्जनों की संख्या में बाबा साहब के अनुयायी मौजूद थे।

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