लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार मिशन शक्ति के तीसरे चरण की शुरुआत शनिवार 21 अगस्त से करने जा रही है। मिशन शक्ति का तीसरा चरण महिलाओं को रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ते हुए उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। रक्षाबंधन पर्व की पूर्व संध्या पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस अभियान को हरी झंडी दिखाएंगी। इस खास मौके पर कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों, महिला स्वयं सहायता समूहों, महिला स्वयंसेवी संगठनों के अलावा शिक्षा, महिला सशक्तिकरण आदि क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने वाली 75 महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा।लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण निर्यात उन्मुख छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों के लिए ‘उभरते सितारे फंड’ की शुरुआत करेंगी। इस कार्यक्रम के अंतर्गत चिन्हित उद्यमों की बाधाओं का पता लगाकर उन्हें उनकी वृद्धि और निर्यात रणनीतियां बनाने में सहयोग प्रदान किया जाता है। यह सहायता इक्विटी, कर्ज तथा तकनीकी सहयोग के रूप में वित्तीय और सलाहकारी सेवाएं दोनों प्रकार से प्रदान की जाती है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत एक वैकल्पिक निवेश फंड बनाया गया है इसी का नाम उभरते सितारे फंड दिया गया है। यह फंड इंडिया एक्जिम बैंक और सिडबी द्वारा 40-40 करोड़ रुपये के अंशदान से संयुक्त रूप से प्रायोजित है।मुख्यमंत्री निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 29.68 लाख महिलाओं के खातों में 451 करोड़ रुपये भेजेंगे। साथ ही 1.73 लाख से अधिक नए लाभार्थियों को भी इस योजना से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 1.55 लाख बेटियों के खातों में 30.12 करोड़ रुपये भेजे जाएंगे। प्रदेश सरकार 59 हजार ग्राम पंचायत भवनों में मिशन शक्ति कक्ष की शुरुआत करेगी। शनिवार को ही सरकार महिला बीट पुलिस अधिकारियों की तैनात करेगी। मिशन शक्ति के तहत 84.79 करोड़ की लागत से 1286 थानों में पिंक टायलेट का निर्माण किया जाएगा। महिला बटालियनों के लिए 2982 पदों के लिए विशेष भर्ती की जाएगी।मिशन शक्ति का तीसरा चरण कई मायनों में खास होगा। बलिनी दुग्ध उत्पादक कंपनी की तर्ज पर नई कंपनियां स्थापित होंगी। सोनभद्र, चंदौली, मीरजापुर, बलिया, गाजीपुर, गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर, रायबरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और रामपुर जिलों में भी दुग्ध कंपनियां स्थापित की जाएंगी। दिसंबर तक एक लाख नए स्वयं सहायता समूह बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है।
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