खबर दृष्टिकोण:अनुराग मिश्रा
गोला गोकर्णनाथ खीरी। हिंदू धर्म में नवरात्र के पर्व का विशेष महत्व होता है चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्र शुरू हो जाती है नवरात्र पर देवी दुर्गा का नौ अलग अलग स्वरूपों की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है
पंचांग के अनुसार पं कमल किशोर मिश्र बताते हैं कि इस वर्ष नवरात्र 30 मार्च से लेकर 6 अप्रैल तक रहेंगे इस वर्ष महामाई के नवरात्र रविवार से सर्वार्थ सिद्ध योग एवं शुभ योग में शुरू हो रहे हैं इसलिए माता हाथी पर सवार होकर आएंगी शास्त्रों में देवी की हाथी की पालकी को बहुत शुभ माना गया है इससे धन-धान्य की वृद्धि होगी इस बार चैत्र नवरात्रि में चतुर्थी व पंचमी तिथि एक ही दिन होने के कारण आठ नवरात्र है इसलिए आठ दिन ही व्रत रखा जाएगा
घट स्थापना मुहूर्त- कलश स्थापना के लिए 30 मार्च रविवार को प्रात: 6 बजकर 03 मिनट से दोपहर 2 बजकर 14 मिनट तक शुभ समय है पं कमल किशोर मिश्र बताते हैं कि विश्व पंचांग के अनुसार सनातन धर्म में नववर्ष की शुरुआत चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से ही होती है नवरात्रि का पर्व माता दुर्गा की भक्ति और शक्ति उपासना का विशेष समय होता है भक्तजन नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना कर धर्म और आध्यात्मिकता में लीन रहते हैं
देवी पुराण के अनुसार इस दौरान मां दुर्गा धरती पर वास करती हैं जिससे वातावरण भक्तिमय हो जाता है इन दिनो नव दुर्गा पूजन, श्री दुर्गा सप्तशती पाठ,हवन व कन्या पूजन करने से सुख समृद्धि व महामाई का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है
