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अपराधियों को कड़ी सजा मिले, अभियोजन कार्यो की समीक्षा के दौरान डीएम ने दिए निर्देश, प्रतिबंधित ड्रग्स की बिक्री के खिलाफ भी दिखे सख्त

 

 

 (खबर दृष्टिकोण) बाराबंकी… जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित लोकसभागार में अभियोजन कार्यो की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। जिलाधिकारी ने समीक्षा करते हुए विभिन्न न्यायालयों में चल रहे मुकदमों के विषय में शासकीय अधिवक्ताओं व सम्बन्धित अधिकारियों से फीडबैक लिया। जिलाधिकारी ने विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज गंभीर मुकदमों में पुलिस को प्रभावी पैरवी करने के निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने कहा कि सभी गंभीर धाराओं के मुकदमों में पुलिस अपनी जांच रिपोर्ट साक्ष्यों के साथ लगाते हुए प्रभावी पैरवी करे जिससे दुष्टों को कड़ी सजा मिले और समाज में सुरक्षा का माहौल बन सके। जिलाधिकारी ने कहा कि अगर वाद दोषमुक्त हो रहा है तो क्यों ? शासकीय अधिवक्ताओं को इसके कारणों को भी बताना होगा। सम्बंधित अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि मुकदमों में साक्षी गवाही देने आए जिससे केस मजबूत हो सके। अपने ही बयानों से मुकरने वाली पीड़िताओं के पक्षद्रोही बयान को भी गंभीरता से संज्ञान लिया जाए और सम्बंधित पर आवश्यक कार्यवाही की जाए। जिससे इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति पर रोक लग सके। बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों पर कार्यवाही के भी निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिये गए। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी इन्द्रसेन, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ अखिलेश नरायन सिंह, प्रशिक्षु आईएएस काव्या सी, शासकीय अधिवक्ता एवं समस्त सहायक शासकीय अधिवक्तागण और सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे। 

ज़िलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने मंगलवार को नारकोटिक्स के सम्बंध में सभी संबन्धित अधिकारियो की उपस्थिति में जूम ऐप के माध्यम से जिला स्तरीय समिति की बैठक की। बैठक में जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कहा कि दवा विक्रेता बिना डॉक्टर के पर्चे के ऐसी दवा विक्रय न करें, जो नशीली व प्रतिबंधित दावों की श्रेणी में आती है। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि दवा की दुकानों से ऐसी दवा की बिक्री करते हुए पाए जाने पर दुकानदार के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रतिबंधित ड्रग्स की बिक्री रोकने के लिए निर्धारित कानूनी प्रक्रिया को कड़ाई से लागू किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज, डिग्री कॉलेज, आदि के परिसरों पर विशेष निगरानी रखी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इन स्थान समेत स्कूल कॉलेज आदि से विशेष जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। उन्होंने कहा कि निर्धारित नियम कानून के अंतर्गत ही अफीम की खेती हो। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि एनडीपीएस के मामलों में पूरी सतर्कता के साथ और पुलिस प्रशासन के समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें।

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