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व्यवस्था का भट्ठा बैठा रहे ईंट निर्माण संचालक

 

 

*मलिहाबाद और माल क्षेत्र में आम की फसलों में लगभग 50% का होता है नुकसान कारण: हरित पट्टी में भट्ठों की चिमनियों से उड़ता धुंआ*

*ओवर लोडिंग से सड़कों का हो रहा बुरा हाल,खनन की वजह से राजस्व विभाग को हर वर्ष लग रहा करोड़ों का चूना*

*ट्रैक्टर ट्राली आता है कृषि उपकरण में, कम खर्चे व ओवर लोडिंग में सबसे बेहतर है ट्रैक्टर और ट्राली* 

*खबर दृष्टिकोण लखनऊ*

*आशीष कुमार सिंह विशेष संवाददाता*

*लखनऊ* माल मलिहाबाद में हरित पट्टी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मानक विहीन संचालित हो रहे ईट भट्ठा के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से अवैध ईंट भट्ठा संचालकों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालांकि, ऐसी बात नहीं है कि अवैध ईंट-भट्ठों पर विभाग की नजर नहीं है। परंतु, लक्ष्मी पूजन के बल पर अंचल क्षेत्र में धड़ल्ले से मानक विहीन ईंट-भट्ठे चल रहे हैं। विभाग द्वारा इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से अवैध ईट भट्टों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस क्षेत्र में मानकों की धज्जियां उड़ा रहे अनगिनत ईट भट्ठे चल रहे हैं। इससे पर्यावरण प्रदूषित हो ही रहा है साथ ही राजस्व को होने वाले आय का भी नुकसान हो रहा है। अन्य विभाग की तो बात छोड़िए, खनन विभाग ने भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। हालांकि, कुछ स्थानों पर कागजी कार्रवाई करके अवैध वसूली कर खानापूर्ति की जा रही है। इससे ईट भट्ठा संचालकों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि यह लोग बड़े पैमाने पर ईट का निर्माण कर शासकीय व निजी जमीन के खनन करने में लगे हुए हैं। मलिहाबाद,माल,नेवादा,कोयली,मिश्राखेड़ा,भरावन,अतरौली,गोड़वा,कल्यानमल अंतर्गत कई ऐसे ईट भट्ठे संचालित किए जा रहे हैं जिनका मानक से दूर – दूर तक कोई वास्ता नहीं है। इसके बावजूद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। इन अवैध ईट भट्ठा के संचालकों से मिलीभगत का कागजी कार्रवाई करने की खानापूर्ति की जा रही है। इतना ही नहीं उत्खनन व इनके परिवहन पर भी नियंत्रण नहीं है। ओवरलोडिग पर रोक के लिए पदाधिकारियों ने नियमों को भी ताख पर रख छोड़ा है।

*कुंवर बलबीर सिंह चौहान अटारी ने कहा*

ईटों से भरे ओवर लोडिंग ट्रालियां एक बार में 3000 ईटां लोड करके लखनऊ के लिए निकलती है जिससे माल से जेहटा तक सड़क का इतना बुरा हाल हो गया है की 26 किलोमीटर माल से लखनऊ जाने की दूरी तय करने में एक घंटें से भी ज्यादा समय लग जाता है साथ ही सड़क पर गहरे गड्ढों के कारण गाड़ियों के माइलेज के साथ ही दुर्घटनाओं के भी पूरे चांस बने रहते हैं।

*भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान ने कहा*

मानकों को ताक पर रखकर हरित पट्टी में हो रहे ईट भट्ठों के संचालन से हमारे किसान भाईयों की आम की फसलें खराब हो रही हैं जिससे हमारे किसान भाईयों को हर वर्ष लाखों रुपयों के नुकसान की भरपाई करना पड़ रहा है। भट्ठों की चिमनियों से उड़ता धुंआ आम की फसल के लिए जहर का काम करता है। उत्तर प्रदेश सरकार से हमारी यही फरियाद है की इन मानक विहीन भट्ठों की लाइसेंस रद्द करके इनको हरित पट्टी छोड़कर बीस किलोमीटर दूर कहीं लाइसेंस दिया जाए जिससे हमारे गरीब किसान जो की आम की फसलों से ही पूरे साल का खर्चा पूरा करते हैं लेकिन इन भट्ठों के कारण आम की फसलों में हर वर्ष हमारे किसान भाई घाटे में रहते हैं। अगर इनकी समस्याओं का निदान सरकार नहीं करती है, तो मजबूर होकर हमारे किसान भाई बहुत जल्द धरनें पर बैठेगें और पैदल यात्रा से ही मुख्यमंत्री आवास के लिए कूंच करेगें जिसका जिम्मेदार प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार स्वंय होगी।

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