लखनऊ, । खुद को एसटीएफ और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर लूटपाट करने वाले गिरोह के तीन लोगों को एसटीएफ की टीम ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ की टीम ने बदमाशों को बैटमिंटन अकादमी के पास से दबोचा है। गिरोह के लोग बड़ी नोट के बदले छोटे नोट और अधिक रुपये देने का लालच देकर लोगों को जाल में फंसाते थे। इसके बाद उन्हें अपने तय स्थान पर बुलाते और रुपयों से भरा बैग छीनकर भाग जाते थे। गिरोह के लोगों ने लखनऊ के अलावा वाराणसी, दिल्ली, मुंबई, गुजरात समेत कई अन्य प्रदेशों में अपना नेटवर्क फैला रखता था। गिरोह के लोग इसी तरह से ठगी और लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देते थे। गिरोह का सरगना अजीत मौर्या गोंडा जनपद से जिला पंचायत सदस्य रह चुका है।एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में राशिद अहमद उर्फ अजय शर्मा निवासी फतेहपुर आबनगर, इमामगंज उसका साथी उन्नाव के मौरावां मवई का रहने वाला विजय प्रधान और गोंडा का अजीत मौर्य है। उन्होंने बताया कि सोमवार रात तीनों ने गोमती नगर निवासी डा. पार्थ को अपने गिरोह के एक सदस्य के माध्यम से फोन कर फंसाया। उन्हें छह लाख रुपये के बदले सात लाख, 20 हजार देने का लालच देकर लोहिया पार्क के पास बुलाया था। डा. के पहुंचने पर विजय प्रधान और अजीत मौर्या पहुंचे थे। इसके बाद यह लोग डा. से रुपयों से भरा बैग छीन कर भाग निकले थे।वहीं, गिरोह के लोगों ने बीते 15 अगस्त को वाराणसी के व्यवसायी राजेंद्र सिंह के साथ भी वारदात की थी। गिरोह के लोगों ने अपने एजेंट संतोष के माध्यम से राजेंद्र सिंह को सेट किया था। उन्हें बड़ी नोट के बदली 50 और 20 के नोटों की खेप देने के लिए कहा था। कुल राशि का 20 फीसद अधिक देने के लिए कहा था। राजेंद्र सिंह जब पहुंचे तो उनके पास 32 हजार रुपये थे। वह रुपये भी राशिद और उसके साथियों ने लूट लिए थे। इसके अलावा राशिद और उसके साथियों ने कानपुर के जाजमऊ क्षेत्र के व्यवसायी से 10 लाख और एक अन्य से पांच लाख की लूट की घटना करना स्वीकार किया है। गिरोह के लोग खुद को एसटीएफ और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर भी लूटपाट की वारदात को अंजाम देते हैं।एसटीएफ के डिप्टी एसपी अनवीश्वर चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि अजीत मौर्या गोंडा जनपद से जिला पंचायत सदस्य रह चुका है। वह कई साल पहले राशिद के संपर्क में आया था। राशिद और अजीत मौर्या दोनों ने मिलकर पूरा गिरोह तैयार किया गया था।