ख़बर दृष्टिकोण:- जावेद खान
मोहम्मदी खीरी:- आजकल स्वास्थ्य विभाग भी मनमानी करने से बाज नही आ रहा जहाँ एक तरफ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने की बात करते हैं तो वहीं दूसरी और कुकुरमुत्ते की तरफ अवैध तरीके से अस्पतालों के तहसील क्षेत्र में भरमार है अगर स्वास्थ्य सेवाएं इतनी बेहतर हो गईं हैं तब ये अवैध अस्पताल व नर्सिंग होम क्यों चल रहे हैं किसकी है जबाबदेही कस्बे से लगाकर ग्रामीण क्षेत्रों में इतने नर्सिंग होम व अस्पताल संचालित हो गए है जितने की मरीज नही अभी हाल में तीन से चार अस्पताल को कस्बे में बन्द किया गया था जिसमे मन्नत हॉस्पिटल के साथ साथ दो बरबर रोड पर व एक यूनिवर्सल बुक डिपो के बगल में अस्पताल बन्द हुए थे जिसमें एक अस्पताल जच्चा बच्चा मौत के मामले में बन्द हुआ था अब खेल समझिए जब ये लोग जान जाते हैं कि मानक पूरे करने में हाँथ पैर फूल रहे हैं तब ये लोग अस्पताल को पुनः चालू करवाने के लिए नया तरीका अपनाते हैं एक (BUMS) डॉ को हायर करते हैं फिर मंडल से आयुर्वेद से रजिस्ट्रेशन कराते हैं फिर सीएचसी पर सैटिंग करते हैं फिर 5 से 7 बेड का मिनी अस्पताल उसी नाम से संचालित कर देते हैं फिर वहीं जनता को लूटने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है ये सबकुछ स्वास्थ्य विभाग जानता है उसके बाबजूद भी आँखों में पट्टी बांधकर बैठा हुआ है अगर कोई जानकारी प्राप्त करता है तब जबाब उनका आयुर्वेद से पंजीकरण है वो ओपीडी करते हैं लेकिन इसके आड़ में डिलीवरी व डीएनसी का काम धड़ल्ले से होता है जो पूर्ण रूप से अवैध है आखिर कौन है इन सबका जिम्मेदार समझ से परे है मोहम्मदी का स्वास्थ्य विभाग समय का इंतजार करने में भी माहिर है कि कब किस नर्सिंग होम या अस्पताल में घटना घटे तब वह नींद से जाग कार्यवाही करके वाहवाही लूटने का काम करे अब जानिए मोहम्मदी कस्बे में शाजहाँपुर रोड,बरबर रोड पर नरेंद्र रस्तोगी भट्टे तक,पुवायां रोड, पुतन्नी रोड, सरैंया रोड उसके बाद पिपरिया धनी,मझिगवां आदि में ऐसे अस्पताल संचालित है जिनके अभी तक मानक पूर्ण नही है उसके बाबजूद,डिलीवरी, डीएनसी,ऑपरेशन का खेल चलता है और मरीजों के साथ खिलवाड़ कर मोटी रकम वसूल करने का काम किया जा रहा है जिम्मेदार अधिकारियों को संज्ञान में लेने की आवश्यकता है।