मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में घोषणा की कि राज्य सरकार सर्पदंश से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार राहत नियमावली में आवश्यक संशोधन भी करेगी। उन्होंने राजस्व मंत्री से इस मुद्दे पर और जानकारी जुटाने को कहा है।
शिमला । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में घोषणा की कि राज्य सरकार सर्पदंश से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार राहत नियमावली में आवश्यक संशोधन भी करेगी। कांग्रेस के केवल सिंह पठानिया के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में हस्तक्षेप करते हुए सुक्खू ने कहा कि नदियों और खड्डों के आसपास के क्षेत्रों में बरसात के दौरान सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं और उन्होंने राजस्व मंत्री से इस मुद्दे पर और जानकारी जुटाने को कहा है।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धनी राम शांडिल्य ने कहा कि सर्पदंश के मरीजों को तुरंत उपचार दिया जाएगा तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जहर रोधी इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके अलावा एंबुलेंस में भी ये इंजेक्शन उपलब्ध होंगे। सुक्खू ने राज्य विधानसभा में कहा कि सेवा के दौरान मरने वाले 1,400 से अधिक सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अगले नौ महीनों में अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाएगी। सदन में एक सवाल के जवाब में सुक्खू ने कहा कि अनुकंपा के आधार पर नौकरी के 1,415 मामले सरकार के समक्ष लंबित हैं और उनकी सरकार ने पिछले 20 महीनों में 180 लोगों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी है।
वहीं प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विधानसभा को बताया कि पांच या उससे कम छात्रों वाले 419 सरकारी स्कूलों का पास के स्कूलों में विलय कर दिया गया है। ठाकुर ने भाजपा सदस्य विपिन परमार के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षकों की तैनाती को युक्तिसंगत बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। मंत्री ने बताया कि पांच से कम विद्यार्थियों वाले कुल 361 प्राथमिक विद्यालयों का दो किलोमीटर के दायरे में स्थित अन्य विद्यालयों में विलय कर दिया गया है, जबकि 58 माध्यमिक विद्यालयों का तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित विद्यालयों में विलय कर दिया गया है।