खबर दृष्टिकोण
ब्यूरो रिपोर्ट
सीतापुर।उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल प्रबन्धन और विनियमन अधिनियम 2019 के अन्तर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों के निस्तारण के लिए मुख्य विकास अधिकारी निधि बंसल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में भूगर्भ जल प्रबन्धन परिषद की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान सहायक अभियन्ता लघु सिंचाई संदीप कुमार ने बताया कि भूजल की उपलब्धता समान रूप से निरन्तर बनाये रखने एवं जन-मानस को गुणवत्तापरक भूजल की आपूर्ति किये जाने के लिये उत्तर प्रदेश में भूजल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण, प्रबन्धन एवं नियमन किये जाने के लिए उत्तर प्रदेश भूजल प्रबन्धन एवं विनियमन अधिनियम 2019 लागू किया गया एवं इस अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश शासन नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति द्वारा नियमावली जारी की गयी है। इस अधिनियम में दिये गये प्राविधानों के अन्तर्गत ऑनलाइन वेब पोर्टल पर प्राप्त आवेदन पत्रों का निस्तारण जिला भूगर्भ जल प्रबन्धन परिषद की बैठक में किया जाना है। जिला भूगर्भ जल प्रबन्धन परिषद के मुख्य कार्य एवं उत्तरदायित्वों में अधिनियम लागू होने से पूर्व के व्यवसायिक, औद्योगिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं बल्क भूजल उपभोक्ताओं का पंजीकरण, नये व्यवसायिक, औद्योगिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं बल्क भूजल उपभोक्ताओं का पंजीकरण, नये व्यवसायिक, औद्योगिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं बल्क भूजल उपभोक्ताओं को भूजल निकासी के लिए अनापत्ति निर्गत करना तथा ड्रिलिंग एजेन्सी का पंजीकरण करना शामिल हैं।
उक्त वेब पोर्टल पर विभिन्न श्रेणियों में प्राप्त आवेदनो के निस्तारण के लिए सम्पन्न जिला भूगर्भ जल प्रबन्धन परिषद की बैठक में सहायक अभियन्ता लघु सिचाई संदीप कुमार द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों एवं उसमें ऑनलाइन कृत कार्यवाही से परिषद को अवगत कराया गया। सहायक अभियन्ता लघु सिचाई द्वारा बताया गया कि भूगर्भ जल निष्कर्षण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने से सम्बन्धित 3 आवेदन, नलकूपो के पंजीकरण के लिए औद्योगिक श्रेणी में कुल 2 आवेदन एवं कृषि श्रेणी में पंजीकरण के लिए एक आवेदन तथा ड्रिलिंग एजेन्सी के पंजीकरण के लिए कुल 11 आवेदन प्राप्त हुये हैं। परिषद द्वारा सम्बन्धित श्रेणी में प्राप्त परिपक्व आवेदनों को स्वीकार करते हुये उन्होंने निस्तारित करने का निर्णय लिया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिये कि पत्रावलियों को समय से निस्तारित किया जाये तथा आवेदकों को निस्तारण के परिणाम से समय से अवगत कराया जाये। उन्होंने यह निर्देश भी दिये कि उत्तर प्रदेश भूजल प्रबन्धन एवं विनियमन अधिनियम 2019 के प्राविधानों का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।
बैठक के दौरान नगर पालिका परिषद की जेई जलकल सौम्या मिश्रा, सहायता अभियन्ता जल निगम ग्रामीण विनोद कुमार, एसडीएफओ विकास यादव सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।