मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि केंद्र सरकार को मजबूत विपक्ष के विरोध के कारण ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये की जाने वाली भर्ती को रद्द करनी पड़ी। राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर उन्होंने दावा किया कि अगर मोदी सरकार के पास बहुमत होता तो वह आरक्षण लागू किए बिना ही सरकारी पदों पर आरएसएस के लोगों को भर देती।
मुंबई । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि केंद्र सरकार को मजबूत विपक्ष के विरोध के कारण ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये की जाने वाली भर्ती को रद्द करनी पड़ी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में खरगे ने दावा किया कि अगर नरेन्द्र मोदी सरकार के पास बहुमत होता तो वह आरक्षण लागू किए बिना ही सरकारी पदों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोगों को भर देती। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हाल में उन्होंने लेटरल एंट्री से भर्ती की शुरुआत की। उन्होंने संयुक्त सचिव (रैंक के अधिकारियों) की नियुक्ति करने की कोशिश की…लेकिन मैंने सुना है कि लेटरल एंट्री भर्ती प्रक्रिया वापस ले ली गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि विपक्ष मजबूत है।’’
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को केंद्र के अनुरोध पर नौकरशाही में ‘लेटरल एंट्री’ भर्ती के लिए जारी अपना नवीनतम विज्ञापन रद्द कर दिया। विपक्षी दलों द्वारा ‘लेटरल एंट्री’ भर्ती का विरोध किए जाने के बीच आयोग ने यह कदम उठाया है। यूपीएससी ‘लेटरल एंट्री’ के जरिए सीधे उन पदों पर उम्मीदवारों की नियुक्ति करता है, जिन पदों पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की तैनाती होती है। इसमें निजी क्षेत्रों से अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों को विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में सीधे संयुक्त सचिव और निदेशक व उप सचिव के पद पर नियुक्त किया जाता है।