प्रयागराज, । गोल्ड लोन स्कीम के तहत एचडीएफसी बैंक में नकली सोना गिरवी रखकर लोन लेने के मामले में फरार वैलुवर चंद्र कुमार सोनी पर इनाम घोषित होगा। इसकी तैयारी पुलिस ने शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में पता चला है कि बैंक के ग्राहकों ने असली सोना दिया था, जबकि बैंक ने उसे नकली पाया था। छानबीन में यह तथ्य भी प्रकाश में आया है कि गिरवी रखा गया सोना 15 कैरेट का है, जबकि लोन 22 कैरेट के हिसाब से दिया गया था। इस आधार पर पूरे मामले में वैलुवर की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। फिलहाल वह खुल्दाबाद स्थित अपना मकान बेचकर फरार हो गया है और उसकी इस कारस्तानी बैंक को करीब 25 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। एचडीएफसी बैंक की ओर से कुछ साल पहले गोल्ड लोन स्कीम लागू की गई थी। वर्ष 2017 से 20 के बीच अलग-अलग मोहल्ले में रहने 14 लोगों ने बैंक में सोना गिरवी रखकर ऋण लिया। बैंक की ओर से सोने का सत्यापन वैलुवर चंद्र कुमार सोनी ने किया था। स्कीम के तहत ग्राहकों को योजना व शर्तों के अनुसार किश्त जमा करना था मगर किसी ने नहीं किया। इतना ही नहीं, लोन चुकता कर किसी ने बंधक रखे गए सोने को मुक्त भी नहीं कराया।बैंक अधिकारियों ने सोने को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की और सभी को सूचना दी गई, लेकिन कोई भी कर्जदार बैंक नहीं पहुंचा। इस पर अधिकारियों को संदेह हुआ। सोने की जांच हुई तो पता चला कि नकली है। तब बैंक अधिकारी ने कोतवाली थाने में वैलुवर चंद्र कुमार सोनी, खाताधारक मीरापुर के पप्पू कुमार, कैशांबी के सैयद सादाब आलम, महाजनी टोला के राजकुमार सोनी, कटघर के चंद्रकांत श्रीवास्तव, अहियापुर के संजय रावत व मनीष कुमार रावत, मीरापुर के देव हीरा, मुकेश पाल, सुधा सिंह व अंकिता गुप्ता, कीडगंज के मनीष धुरिया, चकिया के प्रदीप कुमार धुरिया, मालवीय नगर के अंकिता मेहता, अतरसुइया के कल्पना गुप्ता के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
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