खबर दृष्टिकोण
महमूदाबाद/सीतापुर।
तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत शाहिनपुर खेरिया में बीती बुधवार रात सरकारी ज़मीन पर लगे यूकेलिप्टस के पेड़ों को एक किसान द्वारा लकड़ी ठेकेदार से सांठगांठ कर कटवा दिए गए। जिसके बाद इलाकाई एसडीएम को इस बाबत जानकारी दी गई तो उनके अरदली ने फोन उठाया और बताया कि वह क्षेत्रीय लेखपाल को भेज कर जांच करवा रहे हैं। हालांकि बुधवार रात इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय लेखपाल का कहना था कि वह अस्वस्थ होने के कारण किसी दूसरे को भेज कर दिखवा रहे हैं। उसके दूसरे दिन से ही यानी गुरुवार से लेकर शुक्रवार तक क्षेत्रीय लेखपाल का फोन उठाना बंद हो गया। बड़ी मुश्किल से फोन उठा तो उन्होंने छुट्टी पर होने का हवाला देते हुए मामले का पूरा दारोमदार यह कहकर दूसरे लेखपाल पर डाल दिया, कि उनके छुट्टी पर होने के कारण उनका सर्किल फिलहाल दूसरे लेखपाल राजकुमार दिनकर देख रहे हैं। उनसे ही इस बाबत जानकारी ले लें। लेखपाल राजकुमार दिनकर को कई फोन किए गए। मगर उनका फोन भी नहीं उठा। कयास तो ऐसे भी लगाए जा रहे हैं कि छुट्टी पर गए क्षेत्रीय लेखपाल विमल ने फोन कर दूसरे लेखपाल को फोन उठाने से मना कर दिया हो। जानकर सूत्रों का दावा है कि अवैध तौर पर सरकारी भूमि से यूके लिपटिस के पेड़ों को कटवाने में क्षेत्रीय लेखपाल की भूमिका अहम है। जानकर सूत्रों का कहना है कि, ग्राम पंचायत शाहिनपुर खेरिया में किसान मिथलेश पाल द्वारा लकड़ी ठेकेदार छबीले से सांठगांठ कर अवैध तरीके से यूकेलिप्टस के लगभग 70-80 पेड़ काट कर बेंचने में यह तय हुआ था कि, अगर अधिकारी आयेंगे तो उन्हें बराबरी से ‘मैनेज’ कर काबू में लिया जाएगा। बताया जाता है कि पेड़ काटे जाने की सूचना ग्रामीणों द्वारा अधिकारियों को दी गई थी। मगर कार्रवाई तो दूर जिमीदरों ने मौके पर पहुंचने का भी जोखिम नहीं उठाया। दो दिन बीत जाने के बावजूद भी जिम्मेदार कार्रवाई तो दूर मौके की जांच करने भी नहीं पहुंच सके है। फिलवक्त ग्रामसमाज की भूमि से यूके लिपटिस के पेड़ों को कटने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। वहीं, क्षेत्रीय लेखपाल की शिथिल कार्यप्रणाली के चलते तहसील के आलाधिकारियों की किरकिरी भी हो रही है।