खबर दृष्टिकोण
संदना/सीतापुर । गोंदलामऊ की ग्राम पंचायतों में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है ।फर्जी तरीके से निकली गई मनरेगा योजना से लाखों की धनराशि के मामले में तकनीकी सहायक पर गाज गिरी है। 
मामला ग्राम पंचायत ककरघटा और बैशौली से जुड़ा हुआ है। ग्राम पंचायत काकरघाट की बात की जाए तो यहां के शिकायत करता सर्वेश कुमार सिंह पुत्र रामकुमार सिंह के मुताबिक इन्होंने जनसुनवाई पर एक शिकायत की थी ।शिकायत में मनरेगा योजना के तहत फर्जी तरीके से रामू पुत्र दुलारे के खेत का समतली कारण तथा छुटकन्ने के खेत का समतलीकरण दिखा करके लाखों की धनराशि आहरित कर ली गई। यह कार्य वित्तीय वर्ष 2023 और 24 से जुड़ा हुआ शिकायत में बताया गया है। शिकायत के आधार पर त्रिस्तरीय टीम ने जब मौके पर पहुंच कर बिंदुवार जांच की, तो मामला साफ हुआ ।त्रिस्तरीय टीम में शामिल सहायक विकास अधिकारी मनोज सिंह सौरभ सिंह,जेई ने अपनी जांच रिपोर्ट में मौके पर कोई भी कार्य नहीं होने की रिपोर्ट जिले की मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी है। बात ग्राम पंचायत बैशौली की की जाए तो यहां पर छोटे के खेत से अखिलेश के खेत तक बांधा निर्माण कार्य की शिकायत हुई। बंधा निर्माण की लागत तीन लाख से ऊपर बताई गई।इस मामले की जांच खंड विकास अधिकारी अवध प्रताप सिंह ने खुद की । उन्होंने जांच रिपोर्ट में मौके पर कोई भी कार्य नहीं होना दर्शाया है।
कार्य से संबंधित धनराशि फर्जी तरीके से निकल ली गई है ।
जांच टीम ने मौके के फोटोग्राफ अपनी जांच आख्या के साथ जिले के वरिष्ठ अधिकारी को सौंपी है।इस पूरे मामले में संलिप्त सहायक तकनीकी कुलदीप वाजपेई से कारण बताओं नोटिस मांगा गया है। नोटिस ना देने पर उन्हें जिला मुख्यालय में अटैच किया गया है। इस दौरान अभी और कई ब्लॉक के अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। मामले में मुख्य विकास अधिकारी निधि बंसल ने संलिप्त पर कठोर कार्रवाई की बात कही है।
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गोंदलामऊ ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में हुई घोटाले के मामले में लोगों चर्चाएं शुरू हो गई है। लोग तरह तरह की बातें कह रहे हैं । लोगों का कहना है कच्चे कार्यों का पैसा बगैर खंड विकास अधिकारी के डोंगल के बगैर नहीं निकलता है।सवाल यह भी है बगैर जांच के जिम्मेदार अधिकारी कैसे लाखों का सरकारी पेमेंट कर देते हैं।
