महिला आरक्षी ने इंस्पेक्टर समेत दो अन्य पुलिसकर्मियों पर लगाये गंभीर आरोप
एसपी बोले….. पुराना मामला है, सीओ कर रहे जाँच
दो दिन पूर्व ही मछरेहटा में तैनात पुलिसकर्मी ने बेटे को सुसाइड नोट भेज की थी आत्महत्या, लखनऊ में हुआ था प्रदर्शन
ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जनपद सीतापुर की पुलिस बेलगाम हो चुकी है। ऐसा हो भी क्यो न जब जनपद में पुलिस मुखिया ही आरोपों के बाद अपने खासम खासो का बचाव करते नजर आए। दरसल सीतापुर जनपद की पुलिस इस वक्त सवालों के घेरे में है। दो दिन पूर्व ही जनपद के मछरेहटा थाना परिसर में सर्विस रिवाल्वर से दारोगा मनोज कुमार ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। यह कदम उठाने से पहले उन्होंने इंस्पेक्टर पर कई आरोप लगाते हुए बेटे को सोशल मीडिया पर एक नोट भेजा था। उनकी मौत के बाद लखनऊ में बड़ा प्रदर्शन परिवारीजनों ने शव रखकर किया था। इस मामले की आग अभी शांत भी नही हुई थी कि जनपद के ही रामकोट थाना प्रभारी बलवंत शाही व दो अन्य पुलिसकर्मियों पर महिला सिपाही ने रिश्वत लेने समेत अन्य आरोप लगाए हैं। वहीं एसपी सीतापुर चक्रेश मिश्रा का कहना है कि मामला डेढ़ महीने पुराना है, इसकी जाँच सीओ महोली द्वारा की जा रही है।
डीजीपी को लिखा शिकायती पत्र
11 मार्च 24 को पीड़ित महिला आरक्षी द्वारा डीजीपी को भेजे गए शिकायती पत्र में महिला आरक्षी का कहना है कि कई महीनों से उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है। ड्यूटी के नाम पर हमेशा उसे बाहर भेजा जाता है, साथ ही उसकी संतरी पर ड्यूटी लगाई जाती है जबकि महिला आरक्षी को बीट पर भेजने का आदेश है। महिला आरक्षी ने डीजीपी को भेजे गए शिकायती पत्र में प्रभारी निरीक्षक बलवंत शाही सहित एचएम शैलेश श्रीवास्तव हेड कांस्टेबल रविंद्र रावत पर कई अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित महिला आरक्षी का आरोप है कि इंस्पेक्टर बलवंत शाही सहित एचएम शैलेश श्रीवास्तव व कांस्टेबल रविंद्र रावत के द्वारा उससे बाहरी ड्यूटी न लगाए जाने के नाम पर रूपयो की मांग की गई लेकिन उसके द्वारा रूपयो की मांग पूरी नहीं की और ड्यूटी करने बाहर चली गई। पीड़ित महिला आरक्षी का आरोप है कि 6 मार्च को सीओ नगर के द्वारा उसका सीएल स्वीकृत किया गया था बावजूद इसके दोनों आरोपी सिपाहियों के द्वारा उसकी रवानगी नहीं की गई।
