वाराणसी : बेहतर कालोनी बनाने का सब्जबाग दिखाकर आम लोगों से रुपये निवेश कराकर उनकी रकम हड़पने के मामले में चर्चित शाइन सिटी ग्रुप के निदेशक राशिद नसीम खान की पत्नी सगुफ्ता रशीद खान की जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी। इस कंपनी पर आम लोगों के 250 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है। इस मामले की विवेचना कर रही आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन की टीम ने बीते वर्ष 23 सितंबर को हजरतगंज, लखनऊ से सगुफ्ता खान को गिरफ्तार किया था। सगुफ्ता खान की जमानत की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) पुष्कर उपाध्याय की अदालत में हुई। जमानत का विरोध एडीजीसी विनय कुमार सिंह व विशेष लोक अभियोजक कमलेश यादव ने किया।अभियोजन का आरोप है कि शाइन सिटी ग्रुप आफ कंपनी द्वारा प्रदेश के वाराणसी, लखनऊ, प्रयागराज और मीरजापुर में कार्यालय खोलकर प्लाटिंग व अन्य आकर्षक योजनाओं में जनता का पैसा निवेश कराया। बाद में लोगों की रकम लेकर कंपनी भाग निकली। इस कंपनी के विरुद्ध प्रदेश के विभिन्न थानों पर लगभग 300 अभियोग पंजीकृत है, जिसकी विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन के द्वारा की जा रही है। कंपनी के ऊपर जनता के लगभग 250 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है। कंपनी ने जेपी मेहता इंटर कालेज के पास स्थित एक कांप्लेक्स में कार्यालय खोला था। कंपनी के मालिक प्रयागराज के करैली थाना क्षेत्र निवासी राशिद नसीम की पत्नी सगुफ्ता रशीद खान गिरफ्तारी के बाद से ही जिला जेल में बंद है। विवेचक निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने सगुफ्ता खान के विरुद्ध जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। सगुफ्ता राशिद खान का पति राशिद नसीम खान अभी भी फरार चल रहा है। अरविंद कुमार मौर्य ने वर्ष 2020 में उसके और निवेशकों के एक करोड़ से ज्यादा रकम हड़पने का आरोप लगाते हुए कंपनी के प्रबंध निदेशक व मालिक राशिद नसीम खान एवं अन्य के खिलाफ कैंट थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।