आगरा, । आगरा में साइबर शातिर ने ट्रेजरी आफिसर बनकर पुलिस विभाग के सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को अपना शिकार बना लिया। सेवानिवृत्त होने पर मिले फंड के 15 लाख रुपये शातिर ने पीड़ित के खाते से निकाल लिए। अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चलने पर पीड़ित के होश उड़ गए। बैंक पहुंचकर इसकी जानकारी दी। मामले में पीड़ित ने रेंज साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।पुलिस लाइन आवासीय परिसर में रहने वाले रामनरेश इस वर्ष 30 जून को विभाग से फालवर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। राम नरेश के अनुसार 29 जुलाई की सुबह उनके मोबाइल पर काल आई। फोन करने वाले ने उन्हें बताया कि वह ट्रेजरी आफिसर केके वर्मा, कलक्ट्रेट आगरा से बोल रहा हूं। आपका पेंशन का बकाया अापके खाते में भेजना है। इसके बाद उससे कहा कि वह शाम को दोबारा बात करेंगे।इसके बाद बकाया फंड आपके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।राम नरेश के अुनसार ट्रेजरी आफिसर बनकर काल करने वाले शातिर ने उनसे कहाकि एक ओटीपी नंबर आएगा, उसे बता दें। जिस पर उसने अपने मोबाइल पर आए ओटीपी नंबर बता दिया। इसके बाद उससे कहा गया कि रकम 30 जुलाई की शाम तक उसके खाते में आ जाएगी। अगले दिन 30 जुलाई को दोबारा उसके मोबाइल पर फोन आया। काल करने वाले ने कहाकि आगरा ट्रेजरी आफिस से आशीष शर्मा बोल रहा हूं। आपका फंड शाम तक खाते में ट्रांसफर हो जाएगा। इसके बाद उसने उसके मोबाइल पर आए एक नंबर के बारे में पूछा जो उसे बता दिया।रामनरेश के अनुसार इसी दौरान उनके परिचित ने उनसे पूछ लिया कि वह किसे क्या बता रहे हैं। परिचित ने उनसे साइबर ठगी की आशंका जताते हुए, तत्काल बैंक जाने की कहा। वह तत्काल बैंक गया, वहां जानकारी की तो पता चला कि खाते से 15 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं। एडीजी राजीव कृष्ण ने बताया कि मामले में रेंज साइबर थाने मुकदमा दर्ज किया गया है। साइबर सेल की टीम जांच कर रही है।
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