खबर दृष्टिकोण
सीतापुर। लालबाग शहीद पार्क में श्रीराम लला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण के लिए आए पूजित अक्षतों का वितरण कार्यक्रम श्रद्धाभक्ति व उल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नैमिषारण्य से पधारे संतों ने स्वस्तिवाचन के बीच दीप प्रज्जवल, भगवान श्रीराम व अक्षतों का पूजन अर्चन कर किया। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत संतों व सन् 1990 के कारसेवकों के अभिनंदन से हुई। प्राण प्रतिष्ठा अभियान समिति के प्रमुख प्रभात अग्निहोत्री ने कार्यक्रम की भूमिका रखी। उन्होंने बताया यह अक्षत बस्तियों में पहुंचाए जाएंगे उसके बाद 1 से 15 जनवरी तक घर घर वितरण किया जाएगा। एक चुटकी अक्षत, भगवान श्रीराम के मंदिर का प्रतिरूप चित्र, पत्रक सभी हिंदू परिवारों में 22 जनवरी को हाेने वाले प्राण प्रतिष्ठा के के निमंत्रण स्वरूप है। सह अभियान प्रमुख अनूप खेतान ने कहा हिंदू अगर सोए न होते तो हमें पांच सौ वर्षों का इंतजार न करना पड़ता। यह सुअवसर आया है कि हम लोग अपनी आंखों से मंदिर का भव्य स्वरूप देख रहे हैं। नैमिषारण्य से पधारे संत विद्यानंद ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए बहुतों ने प्राणों का उत्सर्ग किया। अनेक उद्दत थे उनकी रक्षा श्रीराम ने की। आप सभी राम स्वरूप हैं। राम भक्त हनुमान स्वरूप विश्व हिंदू परिषद है। उसकी पूंछ में आग लगाई चिंगारी जय श्रीराम है। जब तक मंदिर में श्रीराम प्रतिष्ठित नहीं हो जाते तब तक संकल्प अखंड रहेगा। हमारा सौभाग्य है कि हम लोग यह देख पा रहे हैं। मुख्यवक्ता राष्ट्रीय कवि संस्कार भारती के संगठन मंत्री कमलेश मौर्य मृदु ने कहा कि भगवान श्रीराम लला के मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा पूरे विश्व के लिए गौरव की बात है। नैमिषारण्य के लिए विशेष रूप से गौरव की है। क्योंकि भगवान श्रीराम के जन्म की पृष्ठभूमि नैमिषारण्य से ही रखी गई। यहां मनु शतरूपा ने भगवान को पुत्र रूप में पाने के लिए तप किया था। 1528 में बाबर के कहने पर मीरबाकी ने मंदिर को तोड़ कर मस्जिद बना दी। यह हमारी आत्मा, स्वाभिमान पर चोट थी। 1949 में श्रीराम लला का प्रकटीकरण हुआ। प्रधानमंत्री नेहरू ने मूर्तियों को हटाने का आदेश दिया। मजिस्ट्रेट केके नैय्यर ने हटाने से मना कर दिया। मंदिर को मुक्त कराने के लिए अखंड किर्तन प्रारंभ हुआ जो आज भी जारी है। विहिप ने धर्मसंसद बुलाई उसमें श्रीराम जन्म मुक्ति समिति बनी। पौने तीन लाख गांवों से पूजित शिलाएं पहुंची। 1990 में कारसेवा हुई बहुतों का बलिदान हुआ उसके बाद यह अवसर आया है। कुछ राजनीतिक दल के लोग भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे थे। वे लोग राम के होने का सुबूत मांग रहे थे जिनके पास खुद के बाप का सुबूत नहीं है। आज जो अक्षत आए हैं वह निमंत्रण है लेकिन 22 जनवरी को अयोध्या जाना नहीं है। अपने घर को ही अयोध्या बनाना है। अपने घर, मंदिर में पूजन अर्चन करें। पकवान बनाएं, भंडारे करें, घर को दीपकों से सजाएं, आतिशबाजी करें। उल्लास के साथ पर्व को मनाएं। कार्यक्रम के अंत में बस्तियों वार अक्षत वितरण किया गया। भगवान श्रीराम की आरती व प्रसाद वितरण हुआ। धन्यवाद ज्ञापन अभियान प्रमुख प्रभात अग्निहोत्री व संचालन विभाग बौद्धिक प्रमुख राजकुमार तिवारी ने किया। इस मौके पर वाल्मीकि मंदिर के महंत सुधा, प्रजापति ब्रह्मकुमारी संस्था से वी.के. योगेश्वरी दीदी, विश्व हिंदू परिषद के सह प्रांत धर्म प्रचार प्रमुख विपुल प्रताप सिंह, सीतापुर सांसद राजेश वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ला, नगर विकास राज्यमंत्री राकेश राठौर गुरु, एमएलसी पवन सिंह चौहान, नगर पालिका अध्यक्ष सीतापुर नेहा अवस्थी, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष मुनींद्र अवस्थी, पूर्व विधायक महेंद्र यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष अचिन मेहरोत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शिव कुमार गुप्ता, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष सीतापुर प्रतिनिधि नमिंद्र अवस्थी, वरिष्ठ भाजपा नेता राहुल जैसवाल, प्राण प्रतिष्ठा अभियान समिति से प्रशांत भदौरिया, पुलकित शर्मा, प्रदीप गुप्ता सभासद, अनूप बाजपेई सभासद, विष्णु वर्मा सभासद, सुरेश कनौजिया सभासद, किशोरी लाल सभासद, कंचन मेहरोत्रा सभासद आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
