हमारी सोच को साकार करते हैं आई टी/ए आई – योगेंद्र उपाध्याय
दुनिया से एक कदम आगे चलने में छात्रों के लिए टेबलेट/स्मार्टफोन सहायक – प्रमुख सचिव
ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।
स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत आज प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा तथा आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग योगेन्द्र उपाध्याय द्वारा रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेंटर, उत्तर प्रदेश में एम. टेक. इन रिमोट सेन्सिंग तथा जी. आई. एस. के छात्र-छात्राओं को टैबलेट्स वितरित किए गए। इसी के साथ कैबिनेट मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने आर.एस.ए.सी.,यू.पी. में संचालित एम.टेक. कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग से संबंधित व्याख्यान श्रृंखलाओं का उद्घाटन भी किया। कैबिनेट मंत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित गणमान्य अतिथियों, वैज्ञानिकों एवं छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि समाज से हमें जो जिम्मेदारी मिली है उसका हम निष्ठा पूर्वक पालन करें। प्रदेश सरकार द्वारा डिजिटल सशक्तिकरण की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, कौशल विकास, पैरामेडिकल तथा नर्सिंग के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को उनके संबंधित विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/संस्थान के माध्यम से टैबलेट/स्मार्टफोन वितरित किए जा रहे हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों का डिजिटल सशक्तिकरण है, जिससे उनका शैक्षणिक एवं कैरियर संबंधी विकास हो सके। उन्होंने छात्र-छात्राओं से डिजिटल शक्ति के रूप में आवंटित किए गए टैबलेट्स का उपयोग देश के विकास कार्यों हेतु किए जाने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेंटर, उत्तर प्रदेश द्वारा भी आधुनिक जियोस्पेशियल तकनीकों में शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिससे प्रदेश के युवा लाभान्वित हो सकेंगे। कृषि, जल, मृदा, वन तथा भू संसाधनों, ग्रामीण तथा नगरीय विकास एवं विभागीय पोर्टल्स के सृजन में रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेंटर द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम जो भी सोच सकते हैं आई.टी./ए.आई. द्वारा उसे साकार किया जा सकता है। उन्होंने शिक्षा को संस्कार, रोजगार, तथा विज्ञान से जोड़ने का भी आह्वान किया । उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार करते हुए अंतिम छोर तक शिक्षा पहुंचने का सशक्त प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के हर मण्डल में सरकारी विश्वविद्यालय देकर सरकार ने अपने संकल्प को भी पूरा किया है। श्री उपाध्याय ने कहा कि हमारे देश में हर प्रकार के प्राकृतिक संसाधन विद्यमान है तथा हमें वर्ष 2047 तक हमारे देश को विकसित देशों की श्रेणी में लाने हेतु अपना महत्तम प्रयास करना है। इस हेतु आर.एस.ए.सी.,यू.पी. के द्वारा किए जा रहे वैज्ञानिक कार्य महत्वपूर्ण होंगे तथा रिमोट सेन्सिंग, आईटी एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया जा सकता है।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नरेंद्र भूषण, प्रमुख सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा अध्यक्ष प्रबंधकारिणी समिति आर.एस.ए.सी.,यू.पी. ने अपने संबोधन में कहा कि कंप्यूटर आधारित जी.आई.एस. तथा उभरती हुई नई अत्याधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग का समागम प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाए जाने के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि आर.एस.ए.सी.,यू.पी. द्वारा विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग तथा 5G जैसी अत्याधुनिक तकनीक की शिक्षा प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री के विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं को जो टैबलेट्स स्मार्टफोन प्रदान किया जा रहे हैं उनका उपयोग करके छात्र-छात्राएं दुनिया से एक कदम आगे निकल सकते हैंं। उन्होंने रिमोट सेंसिंग तकनीक में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षार्थियों से संवाद भी किया और आर.एस.ए.सी.,यू.पी. के स्कूल ऑफ जियो इनफॉर्मेटिक्स के एम.टेक. के छात्र-छात्राओं से विस्तृत चर्चा भी की।
