खबर दृष्टिकोण लखनऊ
उ.प्र. रेरा कंसिलिएशन फोरम के प्रयासों से प्रोमोटर ‘मेसर्स बी.सी.सी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि.’ की गाज़ियाबाद स्थित ‘भारत सिटी 2’ परियोजना के एक आवंटी “श्री अजय कोहली” को उनकी इकाई का कब्जा सहित कब्जा मिलने में हुई देरी के लिए ब्याज प्राप्त हुआ। दोनों पक्षों के मध्य हुए समझौते के अनुसार आवंटी को 6 वर्ष बाद इकाई का कब्जा मिला, कब्जे में विलम्ब के कारण प्राप्त होने वाली ब्याज की राशि का समायोजन एक वर्ष के अग्रिम रख-रखाव शुल्क तथा इकाई का प्रथम हस्तांतरण निःशुल्क करना और शेष राशि रुपये 75 हजार प्राप्त हुआ। विवाद का समाधान होने से सन्तुष्ट आवंटी ने उ.प्र. रेरा के प्रयासों की सराहना की।
‘एग्रीमेन्ट फॉर सेल’ के अनुसार आवंटी ने प्रोमोटर की परियोजना में अप्रैल 2014 में एक इकाई बुक की थी । *लगभग 27 लाख 54 हजार की लागत वाले इकाई के लिए आवंटी ने लगभग 26 लाख 14 हजार का भुगतान कर दिया था जिसका कब्जा अप्रैल 2017 में प्राप्त होना था। लेकिन तय समय तक इकाई का कब्जा न मिलने, अंतिम मांग राशि तथा विलंबित अवधि के ब्याज का समाधान न प्राप्त होने पर आवंटी ने 2021 में उ.प्र. रेरा में शिकायत (NCR145/12/86927/2021) दर्ज की थी।* सुनवाई में पारित आदेश आवंटी के पक्ष में आया था जिसका अनुपलान प्रोमोटर द्वारा किया जाना था ।
आवंटी ने पारित आदेश का कार्यान्वन सुनिश्चित करवाने हेतु पोर्टल पर ऑनलाइन ‘आदेश का अनुपालन कराने का अनुरोध’ दर्ज किया था। मामले में अग्रिम सुनवाई करते हुए प्राधिकरण को अवगत हुआ कि प्रोमोटर ने आवंटी को कब्जा देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन शुल्कों का समायोजन नहीं किया था जिससे लिए आवंटी ने शुल्कों की गणना कराने तथा समझौते से समाधान कराने का अनुरोध किया था और इस प्रकार मामला कंसिलिएशन फोरम में आपसी सहमति से समझौते हेतु हस्तांतरित किया गया था।