आखिर प्रवर्तन में वर्षो से क्यों है दागदार सुपरवाइजरो का बोलबाला
प्रवर्तन सुपरवाइजरों की बदौलत शहर में अवैध निर्माणों की आयी बाढ़।
एलडीए अधिकारी वीसी को गुमराह कर करवा रहे राजधानी में अवैध निर्माण।
सातों प्रवर्तन जोनों के अवैध निर्माणों की जिम्मेदारी संभाल रहे संबंधित जोनों के सुपरवाइजर।
हर एक प्रवर्तन जोन में सुपरवाइजरों का मुखिया सुपरवाइजर रहता है तैनात ,जो अवैध निर्माणों के संरक्षण के लिए लविप्रा अधिकारियों से करता है सेटिंग।
सभी जोनों के सुपरवाइजरों के जोनों में कई सालों से कोई परिवर्तन नहीं।
सुपरवाइजरों के सालों से एक ही जोन में जमे रहने के पीछे एलडीए के ही एक बड़े अधिकारी हाथ आ रहा सामने।
लखनऊ विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी के द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद अवैध निर्माणों के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाते हुए प्रभावी कार्यवाही करने के प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देश दिए गए, लेकिन जमीनी हकीकत मे अधिकारियों के आगे निर्देश हवा हवाई प्रतीत हो रहे हैं, उपाध्यक्ष डा0 इंद्रमणि त्रिपाठी के द्वारा अवैध निर्माण करवाने में लिप्त कई अवर अभियंताओं तथा सुपरवाइजर को हटाए जाने के बाद भी प्रवर्तन में तैनात अवर अभियंता व सुपरवाइजर की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हो रहा है, बल्कि चंद समय के बाद हटाए गये अवर अभियंता व दागदार सुपरवाइजर प्रवर्तन जोन में तैनाती पाने में सफल हो गए ।
जिनके सालों से प्रवर्तन जोन में जमे सुपरवाइजरों की अकूत संपत्ति के चर्चे भी हो रखे हैं आम, कयास यहां तक लगाया जा रहा है कि जब सुपरवाइजरों के पास इतनी ज्यादा अकूत संपत्ति है कि कुछ स्वयंसेवी संगठनों द्वारा लगातार ईडी जांच की मांग की जा रही है तो इन सुपरवाइजरों को अपना संरक्षण देने वाले एलडीए अधिकारी के पास कितनी संपत्ति होगी इसका अंदाजा लगा पाना ही मुश्किल होगा।
पूरा मामला आपको बता दें जो कि कुछ इस तरह से है इन दिनों एलडीए उपाध्यक्ष डा0 इंद्रमणि त्रिपाठी अवैध निर्माणों पर पाबंदी लगाने के लिए भरसक प्रयास में लगे हुए हैं, मगर उनके सभी प्रयास नाकामयाब होते जा रहे हैं क्योंकि लगभग सभी सातों जोनों में अवैध निर्माणों की भरमार सी आयी हुयी है। जिसमे प्रथम स्थान प्रवर्तन जोन 7 का है उधर प्राधिकरण में इंद्रमणि त्रिपाठी जब उपाध्यक्ष बनकर आए तो वह खुद फील्ड में उतर कर अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने के साथ कुछ क्षेत्रीय अभियंताओं पर कार्रवाई तो करी पर इन सबके बावजूद अवैध निर्माण बदस्तूर जारी है। शहर में बदस्तूर जारी, अवैध निर्माणों को रोकने की युक्ति ढुंढने में वर्तमान उपाध्यक्ष साहब पूरी तरह से फेल नजर आ रहे हैं। जब अवैध निर्माणों के जारी रहने के पीछे का कारण जानना चाहा तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आये। पहला तो यही कि उपाध्यक्ष साहब ने क्षेत्रीय अवर अभियंताओं के तो अवैध निर्माणों के नाम पर जोनों को बदला मगर जोन में तैनात सुपरवाइजर पर तो निगाह तक नहीं गयी। जबकि अवैध निर्माण के असली सूत्रधार तो सुपरवाइजर ही थे। दूसरा अहम पहलू यह भी है कि कुछ अंतरालों पर प्रवर्तन जोनों के इंजीनियरों को बदला गया मगर फिर उपाध्यक्ष साहब ने वही गलती दोहराते हुए सुपरवाइजरों को बख्श दिया। उपाध्यक्ष साहब द्वारा लगातार सुपरवाइजरों पर से निगाह हटाने के पीछे एक ही कारण रहा और वो यह है कि सुपरवाइजरों के स्थानांतरण की जिम्मेदारी एलडीए के अन्य अधिकारी की थी और अंत में जानकारी मिला रही है कि अवैध निर्माणों पर अंकुश न लग पाने में सारा खेला तो उसी का था।
कई सालो से जोन 7 में मुखिया सुपरवाइजर की है तैनाती
लविप्रा के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी द्वारा प्रवर्तन अधिकारियों की बैठक में लंबे समय से प्रवर्तन जोन 7 में तैनात अवैध निर्माणों के ठेकेदार प्रभावशाली सुपरवाइजर नाजिम रजा, राजकुमार,कृष्ण दत्त तिवारी उर्फ के.डी तिवारी,दुर्गेश श्रीवास्तव,राजेश अवस्थी तथा जोन 4 मे तैनात अशिक्षित शिव करन व शिव वरदान सूबेदार तथा प्रवर्तन जोन 5 में तैनाती के दौरान अवैध वसूली के आरोप में हटाए गए सुपरवाइजर वर्तमान में प्रवर्तन जोन 4 में तैनात गिरीश यादव आदि को हटाने के निर्देश देने के बाद भी आज तक नहीं हटाया गया ।
प्रवर्तन जोन 7 के चौक क्षेत्र में है इनका बोलबाला, नहीं हुआ सालों से इनका परिवर्तन
बृहद विडंबना यह है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चौकीदार कृष्णदत्त तिवारी की तैनाती भी पार्कों में चौकीदारी की थी,जिससे थाना चौक के आस पास की पार्कों में तैनाती होने के कारण बिल्डरों से अच्छा संपर्क होने लगा और लविप्रा के प्रवर्तन में साठगांठ का तालमेल में महारत से उस एक अधिकारी का आंख का तारा बन गया, उसकी अनुकंपा चौकीदार के.डी तिवारी पर होने लगी, ऊँची पहुँच के चलते के.डी तिवारी को सुपरवाइजर पद पर तैनाती मिल गई,जिसे
प्रवर्तन जोन 7 के थाना चौक में तैनाती दी गई, हैरत की बात है कि कई वर्षो से एक ही जोन 7 में जमे रहने और अवैध निर्माण को संरक्षण व अवैध वसूली की शिकायतों के आरोप पर जोनल अधिकारी ने बड़ी चालाकी से आदेश पारित कर चौकीदार तिवारी को प्रवर्तन कार्य से कार्यमुक्त कर दिया और अपने प्रवर्तन जोन 7 के कार्यालय में चौकीदारी पर सम्बद्ध दिखाकर प्रवर्तन अधिकारियों संग तालमेल बना दिया, वही के डी तिवारी ने उदयवीर पूर्व अवर अभियंता जोन 7 / प्रमोटेड सहायक अभियंता जोन 7 से तालमेल कर थाना चौक के सुपरवाइजर (मेट) राजेश अवस्थी के साथ जुगलबंदी कर अवैध निर्माणों को संरक्षण देकर तालमेल करने में अहम भूमिका अदा कर रहा है।
प्रवर्तन में सुपरवाइजर नाजिम रजा का वर्षों से जोन का नहीं हुआ परिवर्तन
प्रवर्तन जोन 7 में करीब पांच वर्षों से तैनात नाजिम रजा अवैध निर्माण के संरक्षणदाता प्रवर्तन जोन 7 में बोलबाला है,जो कि पूर्व में पार्क में तैनात किया गया, मगर बिल्डरों के अवैध निर्माणों से गठजोड़ साठगांठ में महारत व काबिलियत को मद्देनजर रखते हुए चंद समय बाद लविप्रा के उस अधिकारी ने जोन 7 में थाना ठाकुरगंज व थाना काकोरी आंशिक के क्षेत्र में तैनात दी,
जिसके फलस्वरूप अवैध निर्माणो के प्रभावशाली संरक्षणदाता नाजिम रजा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण करवाए जा रहे है,
विदित हो कि श्री रजा को पूर्व में पार्क में तैनात किया गया,लेकिन अवैध निर्माणकर्ताओ व बिल्डरों की साठगांठ के चलते जोन 7 में तैनाती प्राप्त कर ली गयी, इधर तैनाती पाते ही क्षेत्र में अवैध निर्माणों की भरमार सी हो गई है ।