16 विद्यालयों द्वारा आईएसओ प्रमाणन प्राप्त किया व स्मार्ट क्लास की व्यवस्था लागू
प्रदेश के कुछ अन्य जनपदों में खेल कलस्टर या मिनी विशिष्ट स्टेडियम की स्थापना करायी जायेगी
प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने मंगलवार को योजना भवन में आयोजित चतुर्थ दिव्यांग राज्य सलाहकार बोर्ड बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने बैठक में आये विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि दिव्यांगजनों के हितों हर सम्भव कार्य करे। उन्होंने कहा कि विभाग अपने बिल्डिंग को दिव्यांगजनों के आवागमन के लिए सुलभ बनाये, जिससे दिव्यांगजनों को किसी प्रकार की समस्या न हो। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि दिव्यांगजनों को बसों में सफर करने मे किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग से जारी होने वाले दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी होने मे दिव्यांगजनों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
दिव्यांगजन मंत्री ने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों को उनकी आवश्यकतानुसार पाठ्य सामग्री एवं आधुनिक तकनीकी से युक्त अध्यापन से संबंधित उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जायेगी। दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के लिए ब्रेल पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जायेगी। दिव्यांगजनों के तकनीकी आधारित शिक्षा एवं कौशल विकास को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। दिव्यांग भरण पोषण अनुदान योजनान्तर्गत 1000 रूपये प्रतिमाह प्रति लाभार्थी की दर से अनुदान दिया जा रहा है। जिसे भविष्य मे 1500 रूपये प्रतिमाह किये जाने का प्रस्ताव किया जा रहा है। दिव्यांगजनों को कौशल विकास के पश्चात् सुलभ ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों का समस्त जनपदों मे प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन कराया जायेगा। नई शिक्षा नीति के अनुसार दिव्यांग बालक व बालिकाओं का जूनियर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर पर विद्यालयों मे सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाया जायेगा।
दिव्यांगजन मंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन के पुनर्वासन एवं उनके अधिकारों के संरक्षण एवं सशक्तीकरण के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा राज्य सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया है। दिव्यांगजनों के सामाजिक आर्थिक, शैक्षिक एवं चिकित्सीय पुनर्वासन को सुनिश्चित करने के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में दिव्यांगजनों की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा विगत 06 वर्षों में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये गये है। चिकित्सकीय पुनर्वासन, शल्य चिकित्सा अनुदान, काक्लियर इम्प्लांट योजना संचालित की जा रही है। इसी प्रकार भौतिक पुनर्वासन हेतु कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण योजना का संचालन किया जा रहा है।
मंत्री कश्यप ने कहा कि दिव्यांगजन के शैक्षिक पुनर्वासन हेतु समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों को सम्मलित करते हुए 26 नवीन विद्यालयों के संचालन हेतु कार्ययोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। चरणबद्ध तरीके से समस्त विद्यालयों का संचालन आगामी शैक्षिक सत्रों में प्रारम्भ किया जायेगा। विभागीय विशेष विद्यालयों द्वारा आईएसओ 9001 : 2015 प्रमाणन प्राप्त करने के लिए अपनी अद्योसंरचना एवं मानकों मे आवश्यक परिवर्तन व परिवर्धन करते हुए अद्यतन 16 विद्यालयों द्वारा आईएसओ प्रमाणन प्राप्त किया व स्मार्ट क्लास की व्यवस्था लागू की गयी। विभागीय विशेष विद्यालयों हेतु गुणवत्तापरक शिक्षा एवं तकनीकी नवाचार हेतु ई-लर्निंग रिसोर्स सेंटर की स्थापना एवं संचालन ई-लर्निग वेब पोर्टल ज्ञानन्दा से लाईव कर दिया गया है।
दिव्यांगजन मंत्री ने कहा कि दिव्यांगजनों मे खेल प्रतिभाओं के विकास एवं राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं हेतु दिव्यांग खिलाड़ियों को तैयार करने के उद्देश्य से डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय परिसर मे दिव्यांगजन हेतु बाधारहित एवं समस्त सुविधाओं से युक्त विशिष्ट स्टेडियम स्थापित किया गया है। इस कड़ी मे आगे बढ़कर प्रदेश के कुछ अन्य जनपदों में खेल कलस्टर या मिनी विशिष्ट स्टेडियम की स्थापना करायी जायेगी।
दिव्यांग राज्य सलाहकार बोर्ड बैठक मे आये सदस्यों ने दिव्यांगजन मंत्री के समक्ष दिव्यांगजनों के हितों के लिए अपने सुझाव दिये। बैठक में सदस्य विधानसभा डॉ. मुकेश चन्द्र वर्मा, अपर मुख्य सचिव दिव्यांगजन एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण हेमन्त राव, विशेष सचिव दिव्यांगजन अजीत कुमार, निदेशक दिव्यांगजन सत्यप्रकाश पटेल, पदमश्री विजेती दीपा मलिक सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।