नवागन्तुक चुर्खी कोतवाल पत्रकारों को समझते हैं अपनी तुरुप का इक्का, जैसे चलाओगे वैसे चलेंगे
थाने में बैठे पत्रकार इन्तजार करते रहे, मगर कोतवाल साहब नहीं आए
खबर दृष्टिकोण जालौन
वर्तमान में प्रदेश की योगी सरकार एक ओर जहां पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी डींगे मार रही है पत्रकारों को लोकतंन्त्र का चौथा स्तंम्भ मान रही है लेकिन उसकी इस बात से बेखबर योगी सरकार के वर्तमान कर्मचारी इस मुहिम को कितना अमलीजामा पहना रहे हैं उसकी एक जमीनी हकीकत से हम आपको रूबरू करा रहे हैं ।
मामला जनपद जालौन की कालपी तहसील की कोतवाली चुर्खी का है ।यहां पर अभी नवागन्तुक कोतवाल राजीव कुमार वैश्य ने जब से चार्ज लिया है तब से उन्होंने चुर्खी थाना क्षेत्र के ग्रामीण पत्रकारों से एक भी बार मुलाकात करने की जहमत नहीं उठाई है और ना ही उन्होंने पत्रकारों को किसी भी समाधान दिवस में आने की बात कहने की जहमत उठाई है जब से वह चुर्खी कोतवाल बने हैं तब से उनके कार्यकाल में दो समाधान दिवस का आयोजन हो चुका है ।लेकिन एक भी समाधान दिवस में कोई पत्रकार बंन्धु नहीं पहुंचे जैसे – तैसे स्वयं पत्रकार बंन्धुओं ने खुद इंस्पेक्टर साहब को उल्टा फोन करके कोतवाल महोदय से मिलने के लिए समय मांगा तो उन्होंने 14 जून 2023 दिन बुधवार को समय दिया ,वह भी शाम के 5:00 बजे। पहले शाम के 5:00 बजे का समय दिया।इसके बाद फिर कोतवाल महोदय ने 5:00 बजे का समय बदल कर के एक घन्टे बाद 6:00 बजे का कर दिया
और 6:00 बजे जब पत्रकार बंन्धु कोतवाली चुर्खी पहुंच गए तो पत्रकार बंन्धु बैठे-बैठे कोतवाल साहब का इंतजार करते रहे और कोतवाल साहब फोन करते रहे कि मैं अभी फलां गांव में हूं, मैं अभी रास्ते में हूं लेकिन अंन्तत:7:30 बजे तक कोतवाल नहीं आए थाने में ,और सभी पत्रकार वहां से कोतवाल से बिना मिले ही वापस चले गए।
