Breaking News

आशियाना के सड़को पर सूर्य ढलते ही सडको पर लग जाता है कार सवार नशेड़ियों का जमावड़ा |

आम राहगीरों को निकलना हो जाता मुश्किल , हादसों से बचते नजर आते है राहगीर

स्थानीय पुलिस बनी मूकदर्शक |

आलमबाग सवांददाता खबर दृष्टिकोण | राजधानी लखनऊ का पॉश क्षेत्र आशियाना नशेड़ियों का बड़ा हब बन चूका है आलम यह है बड़े घरानो के रईसजादे सड़को अपनी चार पहिया गाड़ियां खड़ी कर गाड़ियों में प्रतिदिन दावत उड़ाते नजर आते है लेकिन यह नजारा स्थानीय पुलिस को नहीं दिखाई देता है सूर्य ढलते ही देर रात तक नशेड़ी दावत उड़ाने के साथ ही साथ नशे की हातात में तेज रफ़्तार में गाड़ियां चलाते नजर आते है जिससे आम जनता अपने आप को बचते बचाते अपने गंतव्य की ओर पहुँचने को मजबूर बनी रहती है | आम तौर पर यह नजारा पॉवर हॉउस चौराहे से पराग की ओर जाने वाली मार्ग और पॉवर हॉउस चौराहे से कानपुर रोड की ओर जाने वाली सड़को पर मिलता है | इन मार्गो पर कुछ प्रतिष्ठित दुकाने है जिनके पास पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है लेकिन अत्यधिक कमाई के लालच में अपने लडको को हाथ में मेनू कार्ड थमा चारपहिया वाहन मालिकों से सड़को पर ही ऑर्डर लेते नजर आते है और उनके ऑर्डर को उनकी गाड़ियों में ही पड़ोसते नजर आते है | पॉवर हॉउस से पराग रोड जाने वाली मार्ग पर जोनल पार्क के पास सड़क किनारे शाम 4:00 बजे से ही बजारे सजना शुरू हो जाता है और सूर्य ढलने तक यह बाजार पूरी तरह से तैयार हो जाता है कस्टमर सड़को पर ही अपनी गाड़ियां लगा ऑर्डर देते है जिसकारण यह मार्ग सिकुड़ कर सिमट जाता है और अन्य वाहनों को आवागमन करने के लिए एक दूसरे से बचकर निकलते दिखाई पड़ते है इस मार्ग का यह नजारा आम हो चूका है वहीं गाड़ियों के भीतर देर रात तक खुलेआम सार्वजानिक रूप से नशेबाजी की जाती है कई बार आपस में गुटबाजी और मारपीट भी हो जाता है दूसरी तरफ पॉवर हॉउस से कानपुर रोड जाने वाली मार्ग पर नाबार्ड के पूर्व एक प्रतिष्ठित नॉनवेज की दुकान है जिसके पास वाहन पार्किंग का कोई प्रबंध नहीं है मंगलवार व शनिवार छोड़ प्रतिदिन शाम ढलते ही चारपहिया वाहनों की लम्बी कतारे सड़को पर लग जाती है और गाड़ी में ही शराब के साथ जमकर दावत उड़ाया जाता है ताज्जुब की बात यह कि इन स्थलों पर कई बार विवाद हो जाने के बावजूद भी स्थानीय पुलिस थाना प्रभारी एवं उनके अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को सड़को पर खुलेआम हो रहे इस अराजकता से कोई सरोकार नहीं है आखिरकार पुलिस कमिश्नरेट की आशियाना पुलिस की आँखे किन दबाव के कारण अपनी आँखों को बंद किये हुए है और क्षेत्र में खुलेआम ऐसी अराजकता अतिक्रमण को बढ़ावा दिए हुए है जिसकारण आम जनता को सडको पर बमुश्किल से आवागमन करना पड़ता है |

About Author@kd

Check Also

ब्रज की रसोई: लखनऊ में जरूरतमंदों के लिए अनुकरणीय सेवा

  ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ। लखनऊ। इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी के संस्थापक विपिन शर्मा समाज के वंचित …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!