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डेवलपर कम्पनी के निदेशक पर हुआ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज, 

 

आलमबाग सवांददाता खबर दृष्टिकोण |कृष्णा नगर पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर एक निजी डेवलपर कम्पनी के निदेशक के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच में जुटी है ।

 

कृष्णा नगर कोतवाली प्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि मूल रूप से मकान नम्बर 610 नारायन नगर सीतापुर के रहने वाले युवक शुभान्शू बाजपेई पुत्र प्रभाकान्त बाजपेई ने बताया कि उन्होंने बीते वर्ष 2019 में होम वार्ड इन्फास्टेट प्राइवेट लिमिटेड कार्यालय 103, पंचवटी कम्पलेक्स सेक्टर बी एलडीए कालोनी, कानपुर रोड, लखनऊ द्वारा निदेशक सुजीत कुमार उतम पुत्र विद्याकान्त उत्तम निवासी फ्लैट नं0 101 प्रथम तल रयल गैलेक्सी सेक्टर एम एलडीए कालोनी, आशियाना निवासी की मौजूदगी में भूमि गाटा संख्या 845 रकबा 0.5450 स्थित ग्राम लतीफ नगर परगना बिजनौर तहसील सरोजनी नगर जनपद लखनऊ से दो किता प्लाट जिनका क्षेत्रफल 2000 वर्ग फीट प्रत्येक है, 300 रुपये प्रति वर्ग फीट की दर से कुल रूपया बारह लाख रुपये में क्रय किये जाने के सम्बन्ध में अनुबन्ध पत्र दिनांक 27.05.2019 एवं 30.08.2019 को विपक्षी के उपरोक्त कार्यालय में निष्पादित हुआ था और कम्पनी के अधिकृत हस्ताक्षरी उमेश अरोड़ा द्वारा कम्पनी के प्रतिनिधि के तौर पर उक्त अनुबंध पत्रों पर अपने हस्ताक्षर बनाये गये थे । पीडित द्वारा क्रय किये जा रहे उपरोक्त दोनों के विक्रय मूल्य बारह लाख रुपये में से उन्होंने छह लाख रुपये का भुगतान उक्त कम्पनी को क्रमश दिनांक 24.05.2019 को दो लाख अस्सी हजार रुपये और दिनांक 12.06.2019 को दो लाख पंचास हजार रूपये व दिनांक 31.07.2019 को पचास हजार रूपये अपने बैंक आईसीआईसीआई बैंक तथा दिनांक 05.04.2019 को बीस हजार रूपये नगद भुगतान किया था । आरोप है कि उक्त कम्पनी द्वारा पीडित के नाम ग्रीन गार्डन स्टेट आवासीय कालोनी के प्लाट संख्या पी-153 तथा पी- 348 बुक किये गये थे । कम्पनी निदेशक सुजीत कुमार उत्तम तथा अधिकृत हस्ताक्षरी उमेश अरोड़ा द्वारा पीडित के पक्ष में 18 माह के बाद उक्त बुक किये गए प्लाटों

के रजिस्ट्री तथा भौतिक कब्जा दिये जाने का आश्वासन दिया गया था उक्त कम्पनी द्वारा निश्चित समयावधि के बाद उपरोक्त दोनों प्लाटों का बैनामा पीडित के पक्ष में नहीं किया गया । जिसके चलते पीडित ने माह दिसम्बर 2020 में कम्पनी के उपरोक्त कार्यालय में गया तथा कम्पनी के निदेशक सुजीत कुमार उत्तम से बैनामा किये जाने का अनुरोध किया जिस पर कम्पनी के निदेशक सुजीत कुमार उत्तम ने शीघ्र ही उपरोक्त दोनों प्लाट का बैनामा किये जाने का आश्वासन दिया । कम्पनी को 2 माह का समय दिए जाने के दो माह बीत जाने के उपरांत भी विपक्षी कम्पनी उसके निदेशक तथा अधिकृत हस्ताक्षरी द्वारा न ही उक्त प्लाटों का बैनामा नहीं किया गया। आरोप है कि अनेकों चक्कर काटने के बावजूद भी उक्त लोगो द्वारा न ही बैनामा किया और न ही प्लाट पर कब्ज़ा दिया।जब पीड़ित ने अपने रूपये वापस मांगे तो उसे पैसे भी वापस नहीं किये और जानमाल की धमकी दे भगा अपने ऑफिस से भगा दिया। पीड़ित का आरोप है उसने इस मामले की शिकायत स्थानीय थाना कृष्णा नगर पर की थी लेकिन स्थानीय पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं किया गया और न ही उक्त लोगो के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया जिसपर पीड़ित ने न्यायालय के समक्ष शिकायत की है। न्यायालय आदेश पर स्थानीय पुलिस ने आरोपी कंपनी संचालको के खिलाफ धोखाघड़ी,अमानत में ख्यानत व धमकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जाँच में जुटी है।

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