लखनऊ खबर दृष्टिकोण। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान हेतु दिये गये निर्देशों के क्रम में गन्ना विकास विभाग ने भुगतान के मुद्दे पर सख्त रूख अपना लिया है। प्रदेश की जिन चीनी मिलों का गत पेराई सत्र का गन्ना मूल्य भुगतान अवशेष हैं उन सभी चीनी मिलों को 15 जनवरी, 2023 तक गन्ना मूल्य भुगतान करने के निर्देश दिये गये हैं। गुरुवार को अपने कार्यालय कक्ष में प्रदेश के गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी की अध्यक्षता में बजाज समूह, मोदी समूह, सिम्भावली समूह, राणा समूह की ऊन चीनी मिल एवं शामली चीनी मिल के ग्रुप हेड, महाप्रबन्धक यूनिट हेड्स एवं मुख्य वित्त अधिकारी के साथ चीनी मिलवार गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा की गयी।समीक्षा बैठक में गन्ना मंत्री द्वारा उपरोक्त चीनी मिलों को पेराई सत्र 2021-22 के अवशेष गन्ना मूल्य का तत्काल भुगतान सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिये गये। गन्ना मंत्री ने चीनी मिलों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार समय से गन्ना मूल्य भुगतान कराने के लिए दृढ संकल्पित है ऐसी स्थिति में चीनी मिलों को भी किसानों को प्राथमिकता के आधार पर गन्ना मूल्य भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि चीनी मिलें टैगिंग आदेश का अनुपालन करें। यदि किसी भी चीनी मिल द्वारा चीनी के विक्रय से प्राप्त होने वाली धनराशि का व्यावर्तन किया जाता है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा के दौरान मा मंत्री ने कहा कि पेराई सत्र 2021-22 के कुल देय का लगभग 95 प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान अब तक किया जा चुका है। जो चीनी मिले अवशेष गन्ना मूल्य का त्वरित भुगतान नहीं करेंगी, उनके विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराते हुए बकाया गन्ना मूल्य भुगतान हेतु वसूली प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने की कार्रवाई भी अमल में लायी जायेगी। गन्ना मूल्य भुगतान पर केंद्रित समीक्षा बैठक में गन्ना विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ सन्दर्भित चीनी मिलों के मुख्य वित्त अधिकारी एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे ।
