नयी दिल्ली
कांग्रेस नेता शशि थरूर अदालत के सामने दावा किया कि उसकी पत्नी सुनंदा पुष्कर के परिवार और दोस्तों ने अभी भी कहा कि वह आत्महत्या नहीं कर सकती। थरूर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा कि अगर उन्होंने आत्महत्या नहीं की है, तो आत्महत्या के लिए अपहरण का कोई मामला नहीं है, तो मामला सुलझा लिया जाना चाहिए।
ये तर्क विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत में बहस के दौरान आरोप तय करने के लिए दिए गए थे। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा है कि यह आत्महत्या का मामला है। अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए 9 अप्रैल की तारीख तय की।
उन्होंने पहले कहा था कि पोस्टमॉर्टम और अन्य मेडिकल रिकॉर्ड पहले ही तय कर चुके हैं कि यह आत्महत्या या हत्या का मामला नहीं था। वरिष्ठ वकील ने कहा कि किसी भी गवाह ने उनके (थरूर) खिलाफ दहेज, प्रताड़ना या क्रूरता का आरोप नहीं लगाया है। पुष्कर का शव 17 जनवरी 2014 की रात को दिल्ली के एक लग्जरी होटल के कमरे से मिला था। थरूर दंपति उस दौरान होटल में ठहरे हुए थे, क्योंकि उनके सरकारी बंगले की मरम्मत का काम चल रहा था।
पाहवा ने कहा, ‘उसका (सुनंदा का) रिश्तेदार और बेटा कहता है कि वह एक साहसी महिला थी और उसकी मौत आत्महत्या नहीं हो सकती। यदि उन्होंने आत्महत्या नहीं की है, तो आत्महत्या करने का मामला कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा है कि यह आत्महत्या का मामला है।