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12 दिवसीय श्री राम कथा यज्ञ का हुआ आयोजन

 

 

मोहनलालगंज लखनऊ

 

जैसा कि सब को ज्ञात है की पद्मजा ग्रुप द्वारा 12 दिवसीय श्री राम कथा यज्ञ का आयोजन करवाया जा रहा है श्री राम कथा के पांचवें दिन एवं छठवें दिन भगवान श्री राम जी के जन्म के विषय में एवं बाल लीलाओं के विषय में आचार्य कुलदीप महाराज जी द्वारा सभी को मन मोह लेने वाला प्रभु श्रीराम के चरित्र एवं उनके जन्म का वर्णन सुना रहे हैं, आचार्य कुलदीप महाराज जी आए हुए सभी भक्तगणो को बताते हैं कि अयोध्या के नरेश दशरथ की तीन रानियां थी जिनके नाम कौशल्या कैकेई सुमित्रा था वहीं दूसरी और लंका में अधर्मी राजा रावण का राज्य था जो राक्षसों का सम्राट था उसके राक्षस केवल लंका तक ही सीमित नहीं थे,बल्कि वे समुद्र के इस पार दंडकारण्य के वनों में भी फैले हुए थे जिसके कारण ऋषि-मुनियों को भगवान की स्तुति करने एवं धार्मिक कार्यों को करने में समस्या हो रही थी, आकाश में स्थित देवता भी रावण के बढ़ते प्रभाव के कारण व्यथित थे, तब सभी देवता गण भगवान विष्णु के पास सहायता मांगने जाते हैं और तब भगवान विष्णु जी अपना सातवां अवतार लेते हैं उनका सातवां अवतार दशरथ पुत्र के रूप में महारानी कौशल्या के गर्भ से जन्म होता है जिनका नाम श्री राम रखा जाता है प्रभु श्री राम के साथ उनके तीन सौतेले भाई भरत लक्ष्मण एवं शत्रुघ्न का भी जन्म होता है जिनमें से लक्ष्मण शेषनाग के अवतार माने जाते हैं, अयोध्या की प्रजा अपने भावी राजा को पाकर अत्यंत प्रसन्न थी और चारों और उत्सव की तैयारियां भी होने लगी श्रीराम के जन्म के कुछ वर्षों बाद जब उनकी आयु शिक्षा ग्रहण करने की हुई तब उनका उपनयन संस्कार करके गुरुकुल भेज दिया गया जहां नारायण अवतार होते हुए भी विविध रूप से गुरुकुल में रहकर शिक्षा ग्रहण की उनके गुरु अयोध्या के राजगुरु महर्षि वशिष्ठ बने जहां गुरुकुल में सभी की भात शिक्षा ग्रहण करते, भिक्षा मांगते,भूमि पर सोते,आश्रम की सफाई करते,गुरु की सेवा करते और सभी का आदर्श सम्मान प्रभु श्री राम के चरित्र में समा गया! प्रभु श्री राम का बालपन सभी को मोह लेने वाला चरित्र बन गया, प्रभु श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण उन्हीं के साथ रहते थे और प्रभु श्री राम अपने गुरु विश्वामित्र के आदेशों पर ताड़का वध सुबाहु का वध एवं मरीज को दूर दक्षिण के समुद्र में फेंक दिया, इस प्रकार उन्होंने आश्रम पर आए हुए संकट को भी दूर कर दिया, आचार्य कुलदीप जी महाराज जी द्वारा प्रभु श्रीराम के जन्म एवं बालपन का वर्णन उनके मुखारविंद से सुनकर भक्तगण बहुत ही आनंदित हो रहे हैं पद्मजा ग्रुप के एमडी राजीव सिंह ने भी सभी क्षेत्र के सम्मानित लोगों से निवेदन किया की भारी संख्या में आकर भगवान श्री राम की कथा को सुनें और प्रसाद ग्रहण करें!

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