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जीपीएफ के नाम पर पशु पालन  विभाग में भ्रष्टाचारी का खेल 

 

 

 

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विभाग के अपर निदेशक एस.के अग्रवाल पर गंभीरआरोप ,

 

 

 

शिकायत पर कार्यवाही के बजाए उल्टा पीड़ित कर्मचारी से ही कहा पैसा नहीं दिला सकते

 

खबर दृष्टिकोण।

संवाददाता आशुतोष दिवेदी।

 

 

लखनऊ,

 

 

लखनऊ के आईटी चौराहे के पास स्थित पशुपालन विभाग में मौजूद बाबू पर उसी विभाग में कार्य कर रहे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी दयाराम ने गंभीर आरोप लगाया है साथ ही दयाराम ने अपने विभाग के अधिकारियो पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए सवालो के घेरे में खड़ा कर दिया है |

 

 

पशुपालन विभाग में मौजूद बीपी संस्थान में काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दयाराम द्वारा बीते दिनों उनकी पत्नी के पैर में समस्या उत्पन्न होने के कारण, उन्हें पैसे की जरूरत पड़ी | पैसो की पूर्ति के लिए उन्होने अपने जीपीएफ खाता के माध्यम से दो लाख रुपए निकलवाने के लिए आवेदन किया परन्तु उनको जी. पी .एफ के पैसे तो नहीं मिले लेकिन उन्हें इन दो लाख रूपए निकलने के बदले पटल सहायक अधिकारी मनीष भटनागर द्वारा पैसे की मांग रखने की बात कही गई जिसके बाद दयाराम ने इस बात की  शिकायत उपर निदेशक एस के अग्रवाल से की लेकिन इस घूसखोरी की शिकायत पर कार्यवाही करने की बजाय उल्टा दयाराम को ही डाट फटकार सुनी लगा दी , जिसके बाद मजबूरन दयाराम ने मनीष को जी पी एफ पास करने को लेकर दो हज़ार रुपए दिए जिसके बाद ही दयाराम का जी पी एफ पास हो पाया । दयाराम ने बताया कि जीपीएफ भुगतान के बाद भी अब भी उसने मनीष द्वारा लागतार और पैसे की डिमांड रखी जा रही हैं साथ ही उन्हे लागतार धमकी भी दी जा रही हैं। जिसके बाद दयाराम ने एक बार फिर से उच्च अधिकारीयों से लिखित शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई हैं । इससे पहले भी मनीष भटनागर पर आरोप लग चुके हैं|

 

 

 

 

 

 

इससे पहले भी लग चुके हैं घूस मांगने के आरोप

 

 

 

यह पहली बार नहीं है जब मनीष भटनागर पर ऐसे संगीन आरोप लगे हैं. इसे पहले भी कई बार भी जीपीएफ पास कराने के नाम पर पैसे मागने के आरोप लगे हैं, कुछ माह पूर्व  महिला सबिता कुमारी द्वारा अपने पति के जीपीएफ  निकलने को लेकर मनीष भटनागर द्वारा दस हजार रूपये की डिमांड की गई थीं ,जिसके बाद इसको लेकर महिला द्वारा उच्च अधिकारीयों से शिकायत की गई लेकिन नतीज़ा सिफर रहा ।

 

 

 

वर्जन

 

 

पशु जैविक औषधि संस्थान बादशाह बाग लखनऊ के अपर निदेशक एस के अग्रवाल से इस विषय पर बात की तो पहले मामले से किनारा कटते नज़र आए और बाद में उन्होंने बताया की मामला मेरे संज्ञान में आया था और शिकायत पर कार्यवही की जाएगी, इसे पहले भी मेरे द्वारा ऐसे मामलो में कार्यवाही की जा चुकी हैं |

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