खबर दृष्टिकोण
संवाददाता पुरवा उन्नाव
पुरवा उन्नाव एक तरफ सूबे की योगी सरकार अन्ना मवेशियों के लिए गौशाला की व्यवस्था किए हुए है जिस पर लाखों-करोड़ों भारतीय रुपए खर्च किये जा रहे है वहीं दूसरी ओर आम जनमानस के साथ-साथ सड़कों पर चलने वाले वाहन सभी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं दिन भर तो सभी अन्ना मवेसी किसानों की फसलों को इसतरह नष्ट कर रहे हैं कि जिस कास्तकार के खेतों में इनके कदम पड़जाय फिर क्या कहना उस खेत में सिर्फ और सिर्फ ठूठी ही नजर आती है विदित हो कि शाम होते हैं ही अन्ना मवेसियों की टोलियां सड़कों पर विराजमान हो जाती हैं ऐसे में सड़कों पर चलने वाले वाहन अक्सर जानवरों से टकराते देखे जा रहे हैं तमाम वाहन तो ऐसे भी हैं जानवरों को बचाने की वजह से पलट जाते हैं जिनका वजूद ही खत्म हो जाता है साथ ही साथ इस देश के बेश कीमती लोग अपनी जाने भी गवा रहे हैं वहीं दूसरी ओर सरकार के हवा हवाई दावे इन अन्ना मवेसियों के आगे फेल होते दिख रहे हैं। लाखों-करोड़ों बीघे किसानों की जमीने जानवरों की वजह से खाली पड़ी है जिन पर किसान फसल नहीं उगापा रहे हैं सोने पर सुहागा प्रदेश की योगी सरकार किसानों से कहती है की कटीले तार मत बांधो और फसल को रस्सी बांधकर बचाओ जो किसान अपना ज़ेवर बेचकर खेती कर रहे हैं वे रस्सी बांधकर किस प्रकार खेती बचा पाएंगे जब किसान तारों से फसल को नहीं बचा पा रहे तो हाथी जैसे शरीर वाले तमाम सांडो से फसलें कैसे बचाई जाए लोगों की जाने सस्ती हो गई हैं और सरकार किसानों के साथ अच्छा खेल खेलरही है क्या कास्तकारों ने कभी सोचा भी था कि कभी ऐसा दौर भी आएगा कि हम बोएंगे फसल और ताकने के बावजूद जरा सी चूक होते ही अन्नामवेसी हमारी फसलों को चट कर जायगें ऐसे में योगी सरकार को चाहिए कि आवारा जानवरों की कोई उचित व्यवस्था करें ताकि किसानों की छूटी हुई खेतिहर जमीने पुनः उपयोग में लाई जा सके और किसानों को व सड़कों पर चलने वाले राहगीरों को सुकून की जिंदगी जीने का अवसर मिल सके। सड़कें वाहनों के लिए होती हैं न कि अन्ना मवेसियों के लिए।
आपको बताते चले कि 2017 में सूबे में योगी आदित्य नाथ के मुख्य मंत्री बनते ही नगर पंचायत पुरवा के पाटन रोड पर लालशाह दर्गाह के निकट लगभग एक करोड़ बासठ लाख रुपया से कान्हा गौशाला का र्निमाण तो कराया गया परन्तु साढ़े चार वर्ष पूरे होने के बाद भी उक्त कान्हा गौसाला आज भी पूर्ण नही हो सका तमाम किसानों से गौसाला के नाम पर भूषा तो मांगा गया पर कान्हा गौसाला आज तक इनकम्पलीट है एक भी मवेसी कान्हा गौसाला में नही रखा गया आखिर क्या कारण है कि कान्हा गौसाला अधूरा पड़ा है कहां गया पैसा क्यों अबतक जांच नही पाई क्या जनपद की जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे जिन्हे आयरन लेडी कह सकते है क्षेत्र के कास्तकारों के साथ साथ आम जनमानस ने डी० उन्नाव से जांच कराय जाने की मांग की है तभी इस कान्हा गौशाला का सच सामने आयगा कि आखिर यह अबतक अपूर्ण क्यों है कहां गया करोड़ों रुपया यह तो जांच के बाद सत्य सामने आयगा।