मोहनलालगंज लखनऊ
उत्तर प्रदेश सरकार बेसहारा गोवंश की सुरक्षा के लिए प्रयासरत है। इनके आश्रय के लिए हर माह करोड़ों रुपए खर्च भी किए जा रहे हैं। लेकिन जिम्मेदारों की लापारवाही से गौशाला में गोवंश तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे है। जिम्मेदारों को कार्यालय में बैठकर आराम फरमाने से फुरसत नहीं। तो गौशाला की व्यवस्था को देखे कौन? सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही गौ रक्षा के लाख दावे कर रहे हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी सुनाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में बने गौ शाला में मौजूद गौवंशो की दुर्गति देख आखों से आंसू छलक जाते है। इस बात को ज़िम्मेदार कब समझेंगे आपने आप में बड़ा सवाल है
उत्तर प्रदेश सरकार ने हर तरह के प्रयास कर डाले लेकिन अधिकारी सुनने को राजी नहीं है इन अधिकारियों को कौन सिखाएगा सबक आखिर कब होगी कार्यवाही
विकासखंड मोहनलालगंज इलाके के कमालपुर विचलिका ग्राम पंचायत में बने पशु आश्रय केन्द्र में गौ वंशों की उचित देख भाल न होने के कारण गौवंश तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे हैं।
चारा पानी के अभाव में गौ वंश पत्ते की तरह डोलते नजर आए। 2 गौ वंश कड़कड़ाती धूप में जमीन पर तड़प रहे थे। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जिंदा गौ वंश को कौए और कुत्ते नोच कर खा रहे थे। इसे जिम्मेदारों की लापारवाही कहें या गौ वंशों की बदकिस्मती, सरकार का करोड़ों रुपए प्रति माह खर्च होने के बाद भी गौ वंश भूख प्यास से तड़प तड़प कर अपनी जान गवां रहे है। आखिर इसका ज़िम्मेदार कौन? इस संबंध में जब उपजिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कमालपुर विचलिका के गौआश्रय केंद्र का मामला हमारे संज्ञान में आया है। हम इसकी जांच कराएंगे और लापरवाहो के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।