गोंडा, । पैसे के लालच में छोटे बेटे ने साथी के साथ मिलकर अपने पिता सेवानिवृत्त गन्ना पर्यवेक्षक की हत्या की थी। घटना को छिपाने के लिए मृतक का शव बोरी में भरकर नहर में फेंक दिया था। पुलिस ने घटना का राजफाश करके बेटे समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। बहराइच जिले के विशेश्वरगंज रनियापुर ककरहवा गांव निवासी सेवानिवृत्त गन्ना पर्यवेक्षक रामसेवक तिवारी का बेटा कौड़िया के घुचुवापुर कस्बा में रेडीमेड कपड़े की दुकान करता है। रामसेवक रात में दुकान पर रहते थे और सुबह घर चले जाते थे।16 अगस्त को वह जब घर नहीं पहुंचे तो घर वालों ने खोजबीन शुरू की। बेटा प्रवीण ने कहा कि उनके ही मोबाइल से रात में ही एक मैसेज आया। मैसेज के माध्यम से उनके पिता के बदले 11 लाख रुपये की मांग की गई। उसके बाद मोबाइल बंद हो गया। बेटे की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा किया गया। गुमशुदगी के दो दिन बाद सेवानिवृत्त गन्ना पर्यवेक्षक का शव फरेंदाशुक्ल गांव के समीप सरयू नहर मे उतराता मिला। गांव वालों की सूचना पर पुलिस ने शव की शिनाख्त परिवारजन से करवाई थी। एसपी आकाश तोमर ने कहा कि घटना का राजफाश करने के लिए अलग-अलग टीमें लगाई गई थीं। जांच के दौरान पता चला कि मृतक के छोटे बेटे प्रवीण तिवारी ने रुपयों के लालच में आकर घुचुवापुर निवासी अपने साथी रामकृपाल पाठक उर्फ बड़कऊ के साथ मिलकर अपने पिता राम सेवक तिवारी की हत्या कर दी। किसी को हत्या का शक न हो, इसलिए शव को ईंट से भरी बोरी में चादर से ढककर मोटर साइकिल से आर्यनगर ले जाकर नहर में पुल से फेंक दिया। थानाध्यक्ष मदनलाल ने कहा कि आरोपितों को रनियापुर ककरहवा मोड़ पर सहजनवा गांव के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित रामकृपाल पाठक के पास से हत्या के बदले दिए गए दस हजार रुपयों में से 4600 रुपये, लाश छिपाने के लिए प्रयोग की गई मोटरसाइकिल, चादर व प्रवीण तिवारी के पास से 400 रुपये बरामद हुए हैं। आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।