लखनऊ, । लोक निर्माण विभाग या नगर निगम ने सड़क बनाई और कुछ दिन बाद ही सीवर लाइन डालने के लिए जल निगम ने खोद डाली, क्योंकि दोनों विभागों में कोई समन्वय नहीं था। ऐसे उदाहरण अक्सर सामने आते रहते हैं, जिनका स्थायी समाधान पीएम गतिशक्ति पोर्टल के रूप में सरकार ने निकाला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस व्यवस्था का महत्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को समझाया। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया कि अब सभी विभाग 50 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर डालेंगे। इससे विभाग एक-दूसरे की परियोजनाओं को जान सकेंगे और समन्वय के साथ काम कर सकेंगे।लोकभवन में मंगलवार को आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों की उपस्थिति में पीएम गति शक्ति योजना यानी ‘नेशनल मास्टर प्लान फार मल्टी-मोटल कनेक्टिविटी प्लान’ की प्रदेश में प्रगति और भावी कार्ययोजना की समीक्षा की। कहा कि यह योजना ईज आफ डूइंग बिजनेस और ईज आफ लिविंग के प्रयासों के लिए अत्यंत उपयोगी है।प्राय: एक विभाग की परियोजना की जानकारी, उसकी अद्यतन स्थिति और भावी कार्ययोजना की जानकारी दूसरे विभागों के पास नहीं होती है। समन्वय और सूचना की कमी के कारण नियोजन और कार्यान्वयन के बीच काफी अंतर होता है। विभाग अलगाव की स्थिति में काम करते हैं। ऐसे में एक योजना दूसरी योजना के क्रियान्वयन पर गलत प्रभाव भी डाल सकती है। पीएम गतिशक्ति पोर्टल इस समस्या का स्थायी समाधान है। इसके तहत समन्वय व कार्य में आसानी होगी।योगी ने कहा कि पीएम गतिशक्ति के माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सभी वर्तमान तथा भावी कार्यों को एक केंद्रीयकृत पोर्टल पर लाया जाएगा। परियोजनाओं की प्राथमिकता तय होगी। मास्टर प्लान बनाने में सहायता मिलेगी और रीयल टाइम मानीटरिंग भी हो सकेगी।मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को बताया कि पीएम गति शक्ति-नेशनल मास्टर प्लान के कार्यान्वयन के लिए प्रदेश में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग और इन्वेस्ट यूपी नोडल संस्थाएं हैं। शासन स्तर पर तीन अलग-अलग समितियां गठित की जाएंगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिव स्तरीय अधिकारियों का एक अधिकार प्राप्त समूह होगा, जो लाजिस्टिक्स दक्षता की जांच के लिए योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा।साथ ही योजना में संशोधन के लिए निर्धारित फ्रेमवर्क और मानकों को अपनाने, उद्देश्यों को प्राप्त करने, दिशा-निर्देश जारी करने का अधिकार रखेगा। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आइआइडीसी) की अध्यक्षता में गठित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप के पास वर्ष 2020-21 से 20024-25 के लिए राज्य स्तरीय कार्ययोजना का उत्तरदायित्व होगा। यह समिति प्रस्तावों का परीक्षण करेगी। साथ ही निगरानी भी करेगी।इसी तरह इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में एक टेक्निकल सपोर्ट यूनिट होगी। यह इकाई आर्थिक विकास विशेषज्ञ, पीएमयू-लाजिस्टिक्स एवं सप्लाई चेन विशेषज्ञ आदि के माध्यम से तकनीकी एवं परियोजना प्रबंधन सेवा प्रदान करेगी। इस इकाई में अलग-अलग विभागों से ऊर्जावान, योग्य और दक्ष अधिकारियों का चयन कर प्रतिनियुक्त किया जाएगा। मंत्रियों को भी पोर्टल का अपडेट लेते रहने के लिए कहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि गतिशक्ति पोर्टल पर अब तक नहर, औद्योगिक पार्क, नदियां, जल संसाधन, खनन, पर्यटन, आर्थिक परिक्षेत्र, बाढ़ मानचित्र, वन आदि 17 विषयों को एकीकृत किया जा चुका है। पोर्टल को और उपयोगी बनाने के लिए भूमि अभिलेख, ड्रेनेज, बिजली ट्रांसमिशन, सड़क, सीवर लाइन, जलापूर्ति, बिजली के खंभे, ट्रैफिक लाइट पोल, बस टर्मिनल और सरकारी भवनों का विवरण भी अपडेट किया जाए। अन्य क्षेत्रों को भी पोर्टल पर लाने का काम तीन माह में पूरा कर लिया जाए।