लखनऊ, । फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवाने के एक मामले में गुरुवार को अभियुक्त अबू सलेम को राजधानी में सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया। अबू सलेम को नवी मुंबई की तलोजा जेल से महाराष्ट्र पुलिस की कड़ी सुरक्षा में लखनऊ लाया गया था।विशेष अदालत में इसका सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान दर्ज हुआ। अदालत में इस मामले का एक अन्य अभियुक्त परवेज आलम भी उपस्थित था। सीबीआइ की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने अब अंतिम बहस के लिए चार अगस्त की तारीख तय की है।वर्ष 1993 में अबू सलेम ने अपना व अपनी कथित पत्नी समीरा जुमानी का कुटरचित दस्तावजो के आधार पर फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाया था। छह जुलाई, 1993 को पासपोर्ट प्राप्त किया गया था। अबू सलेम का अकील अहमद आजमी जबकि समीरा जुमानी का सबीना आजमी के नाम से पासपोर्ट बना था। यह पासपोर्ट अभियुक्त परवेज आलम के माध्यम से बनवाया गया था।29 जून, 1993 को आजमढ में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया था। 12 मार्च, 1993 को मुंबई में श्रृखंलाबद्ध बम विस्फोट के बाद अबू सलेम भारत से भाग गया था। विवेचना के दौरान इस फर्जी पासपोर्ट मामले का खुलासा हुआ। 16 अक्टूबर, 1997 को सीबीआइ ने इस मामले की एफआइआर दर्ज कर जांच शुरु की। इधर, बहुत प्रयासों के बाद पुर्तगाल से अबू सलेम का प्रत्यर्पण हुआ।11 नवंबर, 2005 को इसे विभिन्न अपराधों के विचारण के लिए पुर्तगाल से भारत लाया गया। तबसे यह लगातार जेल में है। हालाकि इस मामले में इसकी व परवेेज की जमानत मंजूर है। विवेचना के बाद इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी व कुटरचना आदि के साथ ही पासपोर्ट अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था। इस मामले में अबू सलेम की पत्नी समीरा जुमानी भी आरोपी है लेकिन वह फरार है। उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी है।
