टोक्यो: क्वाड मीटिंग से ठीक पहले जापान ने चीन को अपनी हवाई ताकत दिखाई है। मिसावा एयर फ़ोर्स बेस पर अमेरिका के सहयोग से जापानी वायु सेना हाथी चलना का गठन कर दिया। इस दौरान सैकड़ों विमान रनवे पर खड़े होकर उन्हें उतार दिया। इतना ही नहीं इन विमानों ने एक साथ कई युद्ध फॉर्मेशन बनाते हुए हवा में उड़ान भी भरी। 24 मई को क्वाड लीडर्स का तीसरा शिखर सम्मेलन जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित किया गया है। इसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री शामिल होंगे।
द्वीपों को लेकर जापान और चीन के बीच है विवाद
पूर्वी चीन सागर में स्थित द्वीपों को लेकर चीन और जापान के बीच विवाद चल रहा है। दोनों देश इन निर्जन द्वीपों पर अपना दावा करते हैं। उन्हें जापान में सेनकाकू और चीन में डियाओस के नाम से जाना जाता है। इन द्वीपों का प्रशासन 1972 से जापान के हाथ में है। वहीं, चीन का दावा है कि ये द्वीप उसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं और जापान को अपना दावा छोड़ देना चाहिए। इतना ही नहीं, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने इस पर कब्जा करने के लिए सैन्य कार्रवाई की धमकी भी दी है।
जापान की रक्षा करना अमेरिका की जिम्मेदारी
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु हमले के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापान की रक्षा के लिए एक समझौता किया था। 8 सितंबर 1951 को जापान और अमेरिका के बीच संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसे सैन फ्रांसिस्को संधि के रूप में भी जाना जाता है। इस संधि में 5 अनुच्छेदों का उल्लेख है। इसमें अमेरिका को जापान में अपना नौसैनिक अड्डा बनाने का अधिकार भी शामिल है। इसमें जापान पर हमले को अमेरिका पर हमला माना जाएगा और अमेरिकी सेना जापान की रक्षा करेगी।
हाथी चलना क्या है?
एलीफेंट वॉक शब्द द्वितीय विश्व युद्ध से आया है। उस समय दुश्मन देशों पर बमबारी करने के लिए बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान और बमवर्षक एक साथ उतारे गए थे। टेकऑफ़ एक हाथी के झुंड जैसा दिखता है, जिसमें विमान एक हाथी की नाक से पूंछ के आकार में रनवे पर स्थित होता है। इसमें बड़े परिवहन विमान, लड़ाकू विमान, मध्यम परिवहन विमान, हमले के हेलीकॉप्टर, परिवहन हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
Source-Agency News