कोंच- बागीश्वरी साहित्यिक परिषद के तत्वावधान में एक कवि गोष्टी का आयोजन किया गया जिसमें नगर के कवियों ने कविता पाठ किया।
नगर के गुप्तेश्वर मन्दिर पर आयोजिय हुई कवि गोष्टी में कवि भाष्कर सिंह मणिक ने कहा कि *लक्ष्य अपना छोड़ना नही तुम बाधाओं से डरना नही तुम है मंजिल अभी बहुत दूर पर कदम पीछे हटाना नही तुम*
कवि राजेन्द्र सिंह रसिक ने कहा कि अपनी कविता सुनाते हुए कहा कि
*न सहारा लो किसी का खुद सहारा दीजिए ऐसा करके आप ओरो की दुआएं लीजिए बीज नफरत के भी न आप दिल मे बोइये प्यार की फैले फसल गोरों को न दीजिए*
कवि मुन्ना यादव ने कहा कि
*वक्त बदलता है तो हालात बदल जाते है ये सब देखकर जज्वात बदल जाते है ये सब कुछ भी नही बस वक्त का तकाजा है कभी हम तो कभी आप बदल जाते है*
कवि सुनील कान्त तिवारी ने अपनी कविता में कहा कि *महका के किसी दिल को गुजर जाए तो अच्छा सुवर सा फिजाओं में विसर जाए तो अच्छा* इस इस दौरान सन्तोष तिवारी,कृष्णकुमार,लक्ष्मी नारायण, चंदशेखर नगाइच, सहित कई कवि मौजूद रहे।