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पीड़ित ने हल्का लेखपाल तथा कानूनगो पर लगाया गंभीर आरोप

 

 

 

तहसील कर्नलगंज के अन्तर्गत ग्राम पंचायत सोनवार के मजरा गड़रियन पुरवा का है प्रकरण

कर्नलगंज, गोण्डा। जहां एक तरफ प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाये रखने के लिए तरह-तरह के नियम अपनाकर सुशासन के कागजी दावे कर रही है, वहीं सरकार के ही कर्मचारी इस नियम निर्देशों को धता बताते हुए गरीब का शोषण करने से बाज नहीं आ रहे हैं।जिसका जीता जागता उदाहरण तहसील कर्नलगंज में देखा जा सकता है।

प्रकरण तहसील कर्नलगंज अन्तर्गत ग्राम पंचायत सोनवार के मजरा गड़रियन पुरवा का है। यहां के निवासी पीड़ित राम कुमार पाल ने बताया कि वह किसी तरह मेहनत मजदूरी कर के परिवार सहित जीवन यापन करते हैं। हमारे पास मिट्टी का घर था जो कि बरसात के मौसम में गिर गया जिससे परिवार को गुजर बसर करने में अत्यधिक कठिनाई होती है। वहीं आंधी तूफान आने पर दूसरे के घर में शरण लेने को मजबूर होना पड़ता था। जिसको लेकर प्रार्थी ने किसी प्रकार एक पक्का निर्माण करवाने का प्रयास किया। वह पक्का निर्माण करवाने के लिए नींव डलवा रहा था कि हल्का लेखपाल कुछ लोगों के मिलीभगत से आकर उसका मकान निर्माण कार्य रुकवा दिए। जिसकी सूचना उप जिलाधिकारी महोदय को दिया गया और प्रार्थनापत्र में दर्शाया है कि घर के बगल तालाब की भूमि गाटा संख्या 186 जिसका रकबा 0-117 हेक्टेयर जो कि मौजा सोनवार के गड़रियन पुरवा में स्थित है,जिस पर कर्नलगंज हुजूरपुर राजमार्ग से सटा हुआ एक चक मार्ग है जो कि पीड़ित के घर के बगल से होकर जाता है। पीड़ित के आबादी भूमि के बगल चक मार्ग के उत्तर दिशा में तालाब तथा दक्षिण दिशा में पीड़ित का मकान है जो कि पुश्तैनी मकान है अपने पुश्तैनी मकान पर ही निर्माण करवा रहा था कि हल्का लेखपाल संजय अवस्थी तथा कानूनगो द्वारा आकर रुकवाया गया। जिस पर पीड़ित ने बताया कि हमारा पैमाइश कर दीजिए जहां पर हमारी जमीन पड़ती हो वहां पर हम निर्माण करेंगे। परंतु स्थानीय अधिवक्ता कृष्ण बलदेव शुक्ला तथा मुंशी गुरु चरण पाल के मिलीभगत से संजय अवस्थी ने कहा कि जाओ नक्शा लेकर आओ तब तुम्हारे जमीन की पैमाइश करेंगे। ऐसे में अब गंभीर प्रश्न यह है कि जब नक्शा तथा राजस्व अभिलेख हल्का लेखपाल के पास उपस्थित नहीं होता है तो लेखपाल कैसे अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा। वहीं अपने क्षेत्र का भूलेख संबंधित मामला होने के वजह से अथवा पीड़ित को परेशान करने के मकसद से हल्का लेखपाल नक्शा लाने के नाम पर कोई और प्रश्न लगाना चाह रहे हैं। जब इस संबंध में तहसीलदार कर्नलगंज से बात हुई तो उन्होंने बताया कि राज्य सरकार में लेखपाल के पास अधिकृत ग्राम पंचायत संबंधित भूलेख कागजात उपलब्ध रहता है। वहीं दूरभाष के जरिए जब लेखपाल संजय अवस्थी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि नक्शा मेरे पास नहीं होता है पीड़ित ला कर देता है तभी कायदे की पैमाइश होती है। सवाल यह भी उठता है कि बिना नक्शा व खतौनी तथा राज्य से संबंधित किसी अभिलेख के किस प्रकार राजस्व कर्मचारी एवं अधिकारी अपने ड्यूटी का निर्वहन करते हैं यह बताने वाला कोई नहीं है। जो स्थानीय जिम्मेदार अधिकारियों की निरंकुश कार्यप्रणाली को उजागर कर रहा है।

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