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हथियार बनाने व चलाने के वीडियो खूब देखता था मुर्तजा

 

 

 

आइआइटी बाम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग कर चूका है मुर्तजा

 

 

आतंकी संगठन के संपर्क में आने के बाद बड़ी साजिश के बीज बो रहा था

 

 

मुर्तजा के नेपाल कनेक्शन भी खंगाले जा रहे

 

 

मुर्तजा के लैपटाप व मोबाइल की फोरेंसिक जांच भी कराई जाएगी

 

 

लखनऊ । गोरखनाथ मंदिर परिसर में हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी इंटरनेट मीडिया पर कट्टरपंथ का ककहरा पढ़ने के साथ ही हथियार बनाने और चलाने के वीडियो भी खूब देखता था। आइआइटी बाम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग कर चुके मुर्तजा ने खुद ही कट्टरपंथ की ओर अपने कदम बढ़ाये थे या वह आतंकी संगठन के संपर्क में आने के बाद बड़ी साजिश के बीज बो रहा था। इसे लेकर आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) व स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कई बिंदुओं पर गहनता से छानबीन में जुटे हैं।एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि मुर्तजा की सात दिनों की पुलिस रिमांड मंजूर हुई है। सूत्रों का कहना है कि मुंबई के एक बैंक खाते से कुछ माह पहले सीरिया में किये गए संदिग्ध लेनदेन की जानकारी भी सामने आई है। एटीएस की मुंबई गई टीम इसकी तह तक जाने का भी प्रयास करेगी। मुर्तजा के नेपाल कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं।मुर्तजा के इंटरनेट मीडिया अकाउंट की छानबीन में उसकी बीते दिनों की गतिविधियां सामने आ रही हैं। इनके आधार पर जांच एजेंसियां उसके आकाओं तक पहुंचने का प्रयास भी कर रही हैं। मुर्तजा के लैपटाप व मोबाइल की फोरेंसिक जांच भी कराई जाएगी। एटीएस बीते दिनों लखनऊ, कानपुर व अन्य जिलों में पकड़े गए आतंकियों व मुर्तजा के बीच के कनेक्शन भी खंगाल रही है।आतंकी संगठनों द्वारा इंटरनेट मीडिया के जरिये युवाओं से संपर्क बढ़ाने व उन्हें रिक्रूट करने का चलन बीते कुछ वर्षों में तेजी से पनपा है। उत्तर प्रदेश के युवक भी आतंकी संगठनों के खास निशाने पर रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आतंकी संगठन आइएस ने इस प्लेटफार्म के जरिए अक्टूबर, 2016 तक युवाओं के बीच हिजरत का फार्मूला चलाया था। यानी युवाओं को जन्मभूमि छोड़कर दूसरे स्थान पर जाकर जिहाद की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए उकसाया जाता था।इराक और सीरिया से पैर उखड़ने के बाद आइएस ने इंटरनेट मीडिया के जरिए उससे जुड़े युवाओं को जहां हो, वहां जिहाद करो का संदेश देना शुरू किया था। राजधानी लखनऊ में आठ मार्च 2017 को मुठभेड़ में मारा गया आतंकी सैफुल्ला उर्फ अली व उसके साथी भी इसी राह पर चले थे। आइएस के अपने आकाओं से मिले संकेतों के बाद ही सैफुल्ला व उसके साथियों ने देश में कई आतंकी घटनाओं की साजिश रची थी।जांच एजेंसियां कई साफ्टवेयर के जरिए लगातार ऐसे युवाओं पर नजर रखती हैं, जो आतंकी संगठनों के वायरल संदेशों, साहित्य व वीडियो से अधिक जुड़ाव रखते हैं। सूत्रों का कहना है कि एटीएस को भी मुर्तजा के बारे में कुछ ऐसे ही संकेत मिले थे, जिसके बाद वह जांच एजेंसी के रडार पर आ गया था। अब खासकर इसकी छानबीन भी की जा रही है कि मुर्तजा किन आतंकियों से जुड़े वीडियो अधिक देखता था और वह किनके सीधे संपर्क में था।गोरखनाथ मंदिर में हुई घटना के बाद मथुरा, काशी व अयोध्या में अतिरिक्त सतर्कता बरते जाने के निर्देश दिये गए हैं। खासकर चेकिंग बढ़ाये जाने के साथ ही संदिग्धों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिये गए हैं।

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