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खनन माफियाओं ने छलनी कर डाला नदियों का सीना

 

 

 

नदियों में दिन रात गरज रही भारी पोकलैंड मशीनें,.

 

भारी पोकलैंड मशीनों से नदी की जलधारा प्रभावित कर किया जा रहा अवैध खनन,….

 

जिले में बैठे हुक्मरानें मौरंग के अवैध खनन पर लगाम लगाने में नाकाम,….

 

हमीरपुर।उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड… का हमीरपुर जिला…वह जिला है जो मौरंग खनन के लिए एक नामी जिला है…..यहां गैर जनपदों से मौरंग माफिया आकर जिले में बैठे हुक्मरानों की मेहरबानी से मौरंग खनन के खेल को बाखूबी अंजाम देते हैं…हुक्मरानों से मिली मेहरबानी के बाद खनन माफिया खनन नीतियों को ताक में रखकर बेधडक होकर नदियों से भारी पोकलैंड मशीनों के जरिए लाल सोना निकालते हैं….और फिर इस लाल सोने को बिना नाप जोक के ट्रकों में बत्ता बराबर भरकर जनपद से बाहर भेजने का काम करते हैं….खनन माफियाओं की जडें कुछ इस कदर मजबूत हैं कि यह चाहे खनन नीतियों की धज्जियां उडाएं या फिर यातायात नियमों की…..इन पर कोई रोक टोक लगाने वाला नही है….जिले में बडे पैमाने में मौरंग का अवैध खनन हो रहा है…और ओवरलोड बालू लदे ट्रकों की निकासी हो रही है…और यहां बैठे जिम्मेदार अधिकारी इस पर लगाम लगा पाने में पूरी तरह नाकाम साबित होते नजर आ रहे हैं…. इस खेल से जिला प्रशासन अंजान है या फिर खनन माफियाओं के आगे नतमस्तक….यह एक अपने आप में बडा सवाल है…जिसका जवाब शायद किसी के पास नही..।

 

हमीरपुर जिला मौरंग के खनन के लिए एक मशहूर जिला है….यहां लम्बे समय से खनन होता चला आया है….और होता चला भी जाएगा…यहां हो रहे अवैध खनन के मामले में सीबीआई जांच भी चल रही है….पर अफसोस इस बात का की सीबीआई जांच भी खनन माफियाओं का बाल बांका नही कर सकी….सीबीआई जांच भी लम्बे समय से अधर पर लटकी हुई है….जो शायद यूं ही लटकी ही रहेगी….और खनन माफिया इसी तरह नदियों को छलनी करते रहेंगें….. “पुराने बुजुर्गों ने सही ही कहा है..जब सइयां कोतवाल तो फिर डर काहे का..” जी हां जब जिले में बैठे हुक्मरानें खनन माफियाओं पर अपनी महिमा बरसाए हुएं हैं तो फिर इन्हें डर किस बात का…एक बात ध्यान से सुन लीजिए और पढ लीजिएगा… हुक्मरानें खनन माफियाओं पर अपनी महिमा यूं ही नही बरसाए हुए हैं….भला जब भगवान भी बिना प्रसाद के प्रसन्न नही होते तो फिर यह तो हुक्मरानें हैं…यह कैसे बिना प्रसाद के प्रसन्न हो जाएंगें… खनन माफिया इन हुक्मरानों को गुलाबी नोटों का प्रसाद चढाते हैं..तब कहीं जाकर हुक्मरानों की मेहरबानी खनन माफियाओं को प्राप्त होती है…हुक्मरानों की मेहरबानी मिलने के बाद फिर क्या है माफिया धडल्ले से मौरंग के अवैध खनन के खेल को अंजाम देते हैं…और फिर हुक्मरानें इनकी तरफ देखने को तैयार नही होते…खनन माफिया चाहे नदियों को खंडहर बना डालें या फिर जिला ही क्यों न बेंच खाएं… इससे हुक्मरानों को कोई लेना देना नही….बस इतना ही काफी है…अब बात असल मुद्दे की करते हैं…।

 

 

 

जी हां हम बात करते हैं चिकासी थानाक्षेत्र के घुरौली में संचालित 26/5 व बडेरा खालसा में संचालित खंड संख्या 9 मौरंग खदान की….इन खदानों में अजब गजब ही कहानी है…यहां न कोई नियम और न ही कोई कानून…यहां तो सिर्फ बोबी भदौरिया के ही नियम कायदे कानून चलते हैं…यह बोबी भदौरिया ही इन दोनों मौरंग खदानों की बागडोर संभालता है….इन मौरंग खदानों में एक नही दो नही बल्कि दर्जनों भारी पोकलैंड मशीनों के जरिए नदी का बुरा हाल किया जा रहा है…यहां दिन हो या फिर रात नदी में खुलेआम मशीनें गरजती देखी जाती हैं…यहां लगे सीसीटीवी कैमरें और धर्मकाटा सिर्फ और सिर्फ शोभा बढाने के लिए लगे हैं…धर्मकाटा होने के बाद भी यहां से ओवरलोड ट्रकों की जमकर निकासी होती है…. आखिर इस अवैध खनन के खेल में कभी लगाम लग पाएगी या फिर यह खेल यूं ही चलता रहेगा… यह आने वाला समय ही बताएगा।

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