अपराधी बना साधु दर्जनों मामले लखनऊ, प्रयागराज,फैजाबाद के साथ- साथ अन्य जिलों में है दर्ज फिर भी हाथ पर हाथ रख कर बैठी पुलिस ऊंची पैठ होने के कारण नतमस्तक है पुलिस
लखनऊ,प्रयागराज के उदासीन आश्रम के महंत सतनाम और उनके सहयोगियों पर युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया हैं। युवती की जब पुलिस से उम्मीदें खत्म हो गई तब युवती ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट का सहारा लेते हुए युवती ने सतनाम दास चेला रामदेव दास व उनके सहयोगियों पर दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने अभियोग पंजीकृत करें लिया है । वही इंस्पेक्टर सरोजनी नगर ने जानकारी देते हुए बताया कि पीजीआई स्थित एक अस्पताल में युवती की मुलाकात 2008 में प्रयागराज स्थित एक आश्रम के महंत सतनाम से हुई इसके बाद सतनाम से उसकी बातचीत होती थी। युवती को किराए पर एक मकान चाहिए था। यह बात जब सतनाम को पता चली तो रायबरेली रोड स्थित एक मकान में उसे रहने के लिए कमरा दिया था । आरोप है कि 15 जून 2009 को सतनाम और उसके साथी उमाशंकर ने युवती को प्रसाद में नशीला पदार्थ मिलाकर खिला दिया और फिर उसके साथ दुराचार किया था । बाद में शादी का झांसा देकर शांत कर दिया 2011 में लखनऊ स्थित आर्य समाज मंदिर में उससे शादी का नाटक भी किया लेकिन उसके कई बार कहने के बाद भी उसे प्रमाण पत्र नहीं दिया गया इस बीच युवती गर्भवती हो गई तो आरोपियों ने जबरन उसका गर्भपात करवा दिया इस पर सरोजनी नगर ने बताया कि आज कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया था लेकिन घटनास्थल पीजीआई है ऐसे में विवेचना पीजीआई के लिए ट्रांसफर की जाएगी ।
*कौन है सतनाम दास* ,मूल रूप से ग्राम पृथ्वीपुर थाना करहल मैनपुरी का रहने वाला सतनाम दास चेला रामदेव दास उर्फ सत्य नारायण दास चेला सतनाम दास उर्फ सत्यवीर सिंह पुत्र दाधीबल सिंह आदि अलग-अलग नामों से अपराध करने वाला व्यक्ति है ।जो खुद को साधु कह कर संबोधित करता है श्री पंचायती अखाड़ा उदासीन द्वारा जब समाज विरोधी कार्यों के बारे में पता चला जिसके बाद अखाड़ा द्वारा 2010 में प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश को एक पत्र लिखकर सतनाम दास को अखाड़े से निष्कासित किया गया था क्योंकि यह समाज विरोधी एवं आपराधिक कृत्यों में संलिप्त रहता था जिसको लेकर जब अखाड़ा परिसर को इसके अपराधी कृत्यों के बारे में जानकारी हुई तो अखाड़ा परिषद ने इसको पूर्ण रूप से निष्कासित कर दिया । अखाड़े से निष्कासित होने के बावजूद भी वह खुद को अखाड़े से जोड़कर तमाम ऐसी आपराधिक गतिविधियों किया करता करता था । कभी अखाड़े की जमीन को लेकर विवाद तो कभी अखाड़े की जमीन के फर्जी कागज बनाकर बेचने जैसे संगीन आरोप भी इस पर लगते रहे हैं । एक ऐसा ही आरोप 2021 में इसके ऊपर लगा जिसके बाद गाजीपुर पुलिस द्वारा अभियोग पंजीकृत किया गया। जिसमें जमीन कब्जे को लेकर महंत को धमकाने जैसे आरोप भी लगे। जब इसकी एक बार पुनः सूचना अखाड़े को लगी तो अखाड़े के महंत श्री धर्मेंद्र चौक द्वारा इसके खिलाफ कोर्ट द्वारा आदेश जारी कर इस को पूर्ण रूप से इसको अखाड़े से निष्कासित करने की बात कही गई जिसके बाद कोर्ट ने इसको लिखित में अखाड़े से निष्कासित किया।अक्सर विवादों में रहने वाला सतनाम दास कभी धोखाधड़ी तो कभी यौन शोषण व छेड़छाड़ जैसे आरोपों में घिरा रहने वाला ब्यक्ति हैं। तकरीबन एक दर्जन से अधिक मामले इसके ऊपर लखनऊ में ही दर्ज हैं जिन पर अभी कार्रवाई चल रही है एवं साथ सूत्रों की माने तो या फैजाबाद थाना कैंट से भी वारंटी है वहां पर यह अपने एक शिष्य के वहां विवेक मुनि के पास रहता था।
*आपराधिक इतिहास* सतनाम दास उर्फ सत्य नारायण दास उर्फ सतवीर सिंह यादव को इसकी जात बिरादरी द्वारा विशेष रुप से सहयोग मिलने की वजह से यह अपराधी कृत्यों में संलिप्त होता गया इसके ऊपर चौक पीजीआई, बंधुआ कला (सुल्तानपुर),गाजीपुर(L) , फैजाबाद में इसके ऊपर संगीन धाराओं में मामले दर्ज है फैजाबाद में इसके ऊपर यूपी गिरोह बंद अधिनियम के तहत गंभीर आरोपों में अभियोग पंजीकृत किया गया ।जिसके बाद एक बार फिर से 2009 में फैजाबाद में ही अमेंडमेंट एक्ट के साथ साथ चोरी, लूट जैसे अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। लखनऊ में इसके ऊपर साजिश रचने यौन शोषण, गर्भपात, अप्राकृतिक यौन शोषण के साथ-साथ जान से मारने की धमकी व डकैती ,चोरी ,जैसे कृत्यों में भी इसके ऊपर अभियोग पंजीकृत किया गया जा चुका हैं।सुल्तानपुर में स्थित बंधुआ कला में भी उसके ऊपर 2021 में जान से मारने की धमकी व धोखाधड़ी जैसे आरोपों में अभियोग पंजीकृत किया गया था। लखनऊ में इसके ऊपर दर्जनों मामले दर्ज हैं लेकिन पुलिस भी इस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही करने में असमर्थ है क्योंकि पैसे के दम पर अपने ऊपर लगाए आरोपों को दबाने की कोशिश करता है साथ ही प्रशासन में पैठ होने के कारण पुलिस भी इसका कुछ नहीं कर पाती। जिसका नतीजा यह है कि लगातार अपराध करता जा रहा है। पुलिस कूप मंडूक होकर बैठी हुई है इसका सीधा और जीता जागता उदाहरण आपको थाना सरोजनी नगर में देखने को मिल सकता है जहां पुलिस द्वारा इंसाफ ना मिलने पर युवती ने कोर्ट का सहारा लेकर इसपर रेप और गर्भपात जैस संगीन धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराया है ।फिर भी पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने की बजाए जांच में जुटी है।
*आरोपी के साथी गण* सतनाम दास अपने साथियों के साथ मिलकर तमाम आपराधिक कृत्य को अंजाम देता रहा है।इसके साथीगण पंकज सक्सेना निवासी हज़ाराबाग ,अजय यादव पुत्र राम कृष्ण यादव निवासी कल्ली पश्चिम पीजीआई ,जीतू सिंह उर्फ जीतू बाबा ,लाइक अहमद, मिर्जा जफर अली बेग, वारसी बिल्डर ,शंकर यादव ,भरत सिंह यादव व अन्य इसके आपराधिक कृत्यों में नजर आए हैं। जब इसके अपराधी कृत्यों को लेकर एवं समाज विरोधी गतिविधियों के बारे में महंत धर्मेंद्र दास व अन्य साधुओं द्वारा अखाड़े में शिकायत की गई तो इसने उन साधुओं पर अपने साथी गणों के साथ मिलकर हमला किया गया. जिसमें 2020 में इसके साथी लाइक अहमद द्वारा महंत धर्मेंद्र दास पर हमला किया गया. इस हमले में महंत धर्मेंद्र बाल-बाल बच गए इससे पहले भी धर्मेंद्र दास पर सतनाम और उसके के साथियों द्वारा पीजीआई स्थित हमला किया गया था।
*जानकारी लेने पर महान धर्मेंद्र द्वारा बताया गया कि लगातार अखाड़े के साधुओं द्वारा पुलिस से कई बार शिकायत के बाद भी इस पर पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई ,साथ ही मुझे व अखाड़े के अन्य साधुओं को जान का खतरा हैं, कई साधुओं ने भी इससे अपनी जान का खतरा बताया ,लेकिन नाम न उजागर करने की बात कही । उसके बावजूद भी पुलिस आखिर क्यों इस पर कार्रवाई करने से पीछे हट रहीं हैं।*
*वहीं दूसरी तरफ जिस लड़की ने सतनाम दास और उसके साथियों पर यौन शोषण ,गर्भपात जैसे आरोपों में अभियोग पंजीकृत कराया है वह भी खुद की जान को लेकर खतरा बता रही है, एवं पुलिस व अन्य अधिकारियों से अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगा रही है*
*उदासीन अखाड़ा यूपी मंडल के महामंत्री श्री महंत अभिषेक मुनि ने पूछने पर बताया कि या सब ठग है . सतनाम दास को अखाड़े से 2010 में निष्कासित किया गया था. इसका उदासीन संप्रदाय से कोई लेना देना नहीं है एवं इसके किसी भी आपराधिक कृत्य को लेकर उदासीन अखाड़ा जिम्मेदार नहीं होगा*
अब देखना यह है कि ऐसे अपराधी जो धर्म व साधुओं के नाम को बदनाम करते हैं . ऐसे लोगों पर कब कार्यवाही होगी जो अपराधी होकर भी साधुओं का चोला पहनकर अपने अपराध को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. आखिर ऐसे अपराधी जो कभी यौन शोषण , कभी जमीन कब्जे, जान से मारने की धमकी, गिरोह बनाकर लूट, डकैती जैसे कृत्य में लिप्त हैं. इसके बावजूद भी साधु का चोला ओढ़कर लोगों के बीच समाज में शरीफ बने रहते हैं