उन्नाव, । कर चोरी की शराब फैक्ट्री से निकलवाने के आरोपित आबकारी निरीक्षक को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने करीब एक साल बाद शहर के मुहल्ला इंद्रानगर से दबोच लिया। उस पर सहारनपुर डिस्टिलरी से ये शराब निकलवाने का आरोप था। उस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था।एसटीएफ लखनऊ ने पिछले वर्ष तीन मार्च को टपरी सहारनपुर स्थित डिस्टिलरी से क्षेत्रीय आबकारी डिस्ट्रीब्यूटर्स, ट्रांसपोर्टर व फैक्ट्री में नियुक्त आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से भारी मात्रा में अवैध शराब निकलवाने की सूचना पर कार्रवाई कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें उन्नाव के सदर तहसील क्षेत्र में तैनात आबकारी निरीक्षक रङ्क्षवद्र किशोर चौधरी निवासी गांव चेरुइया, पोस्ट बेलघाट, थाना कप्तानगंज बस्ती को भी आरोपित बनाते हुए उसे निलंबित किया गया था। एसटीएफ उसकी तलाश कर रही थी। फरारी पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था। शनिवार रात एसटीएफ टीम को उसके उन्नाव के मुहल्ला इंद्रानगर में किराए पर रहने की जानकारी मिली। इस पर टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। टीम को उसके पास से तीन हजार रुपये नकद, एक मोबाइल फोन व आधार कार्ड मिला है। उसे पकडऩे वालों में विशाल विक्रम सिंह, प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, लखनऊ की टीम के दारोगा मनोज कुमार सिंह, राजेश कुमार सिंह, मुख्य आरक्षी सुधीर कुमार सिंह, धर्मपाल, सिपाही गौरव प्रताप ङ्क्षसह, अमित कुमार, सुशील कुमार शामिल रहे। टपरी शराब फैक्ट्री से एक बिल्टी पर दो बार शराब निकलती थी। इसमें फैक्ट्री के अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहकर एक्साइज टैक्स की बड़ी चोरी करते थे। फैक्ट्री से गाड़ी निकालते समय अधिकारी क्लोज सर्किट टीवी (सीसीटीवी) कैमरे व वाहनों का ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) बंद कर देते थे। इससे वाहनों के फेरों की जानकारी भी नहीं मिलती थी। इसमें फैक्ट्री प्रबंधन से एक्साइज अधिकारियों तक की संलिप्तता थी। जानकारों के मुताबिक जिस दिन एसटीएफ टीम उन्नाव में एसडीएम व सीओ के नेतृत्व में छापेमारी करने निकली थी। उस समय रङ्क्षवद्र भी टीम का सदस्य था। उसने शराब गोदाम उन्नाव व कानपुर के मैनेजर को फोन कर दबिश की सूचना दे दी थी। हालांकि पुलिस की सक्रियता के चलते इस कारोबार का भंडाफोड़ कर गिरफ्तारी व बरामदगी की गई थी।
