लखनऊ, । उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को पार्टी के विधायक तथा विधानमंडल दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने गुरुवार को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।बहुजन समाज पार्टी में विधानमंडल दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने आज पार्टी में सभी पद तथा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आजमगढ़ के मुबारकपुर से विधायक शाह आलम को पार्टी की मुखिया मायावती ने बीती जून में ही विधानमंडल दल का नेता बनाया था। तीन जून को मायावती ने लालजी वर्मा व रामअचल राजभर को पार्टी से बाहर करने के बाद शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को नेता विधानमंडल दल बनाया था। अब शाह आलम ने बसपा के सभी पदों से इस्तीफा दिया है। उन्होंने पार्टी की मुखिया मायावती को अपना इस्तीफा सौंपा है।शाह आलम ने इस्तीफा में लिखा है कि भारी मन से विधानसभा सदस्य तथा बसपा के हर पद से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने पार्टी की 21 नवंबर की बैठक का हवाला देते हुए लिखा है कि 2012 से पार्टी के प्रति निष्ठावान रहा और पार्टी की तरफ से मिली हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी, लेकिन लगता है मेरी उपेक्षा की जा रही है। ऐसे में अब आगे साथ रहने की कोई वजह नहीं है। उन्होंने पत्र में जिक्र किया कि पिछले दिनों जो बातचीत हुई थी, उससे ऐसा लगता है कि आपको मेरे ऊपर विश्वास नहीं है, ऐसी स्थिति में मैं पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। उत्तर प्रदेश का आजमगढ़ बसपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन वंदना सिंह के बाद सुखदेव राजभर और शाह आलम के पार्टी को छोड़ देने से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आजमगढ़ के दस विधानसभा क्षेत्र में से बसपा के पांच तथा समाजवादी पार्टी के चार विधायक थे।
