लखनऊ, । आदर्श कारागार में दिवाली के दिन आदर्शों की जमकर धज्जियां उड़ीं। यहां पानी जैसी सब्जी परोसे जाने से नाराज सजायाफ्ता कैदियों ने खाने की प्लेट फेंक दी और जमकर हंगामा किया। आक्रोशित कैदियों ने न तो बैरक के अंदर दीपक जलाए और न ही दिवाली मनाई। कैदियों ने डीजी जेल से न्याय की मांग की है। लखनऊ की आदर्श कारागार एशिया की पहली ऐसे जेल है जेल है, जहां अच्छे चाल चलन वाले सजायाफ्ता कैदी रखे जाते हैं। कैदियों को जेल परिसर के बाहर दुकानें भी एलाट की गई हैं। वह दुकानेंं भी चलाते हैं और इसके अलावा बाहर मजदूरी करने भी जाते हैं।जेल के एक सिपाही के मुताबिक दिवाली के दिन गुरुवार को आदर्श कारागार में कैदियों को न चूरा-खील और गट्टा नहीं दिया गया। न ही उन्हें दिए मिले। इस कारण बैरकों में उन्होंने दिए नहीं जलाए। जबकि हर साल धूमधाम से दिवाली यहां मनाई जाती थी। कैदी दिन में खाने के समय ही आक्रोशित हो गए। जेल सूत्रोंं के मुताबिक कैदियों के लिए सूरन की सब्जी बनाई गई थी। सब्जी जब उन्हेंं परोसी गई तो उसमें पानी था सूरन के टुकड़े नहीं थे। इस पर वह भड़क गए और थालियां फेंंक दी हंगामा करने लगे। इसके बाद वह बैरकों में चले गए।शाम को न तो दीपक जलाए गए और न ही खील गट्टे का वितरण हुआ। कैदियों ने सोमवार को डीजी जेल से मामले की शिकायत करने की बात कही है। वहीं, जेल अधीक्षक सीपी त्रिपाठी ने बताया कि कैदियों की मांग पर सूरन की सब्जी बनवाई गई थी। उनके लिए खील और गट्टे का भी प्रबंध किया गया था। जेल परिसर में बीते सालों की तरह लाइटिंग हुई। कैदियों से सारे आरोप निराधार हैं।